चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम पुलिस लगातार 72 घंटे से कोल्हान के जंगलों में ऑपरेशन टार्जन चलाकर 25 लाख का इनामी नक्सली सह सैक सदस्य संदीप दा उर्फ संदीप सोरेन उर्फ मोतीलाल सोरेन को घेरे हुई है. हालांकि शीर्ष नक्सली अबतक पुलिस के हाथ नहीं लगा है. भाकपा माओवादी का शीर्ष नेता कोल्हान के जंगलों में घिरा हुआ है,
लेकिन अब तक सरेंडर नहीं किया है. वहीं अबतक पुलिस के साथ उसके दस्ते की मुठभेड़ भी नहीं हुई है. पुलिस के पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक 25 लाख का इनामी यह माओवादी शारीरिक रूप से अस्वस्थ है. ऐसे में उसका दस्ता पुलिस से मुठभेड़ की स्थिति में नहीं है. इसके कारण वह आसानी से पकड़ में आ सकता है.
सर्च अभियान में नक्सली नेता के ठहरने के सुराग मिले : दूसरी ओर संदीप की टोह में पश्चिमी सिंहभूम पुलिस व सीआरपीएफ की टीम गुवा, छोटानागरा व टोंटो इलाके से जंगल में घुसी हुयी है. पुलिस द्वारा घेरे जाने के बावजूद यह शीर्ष माओवादी नेता लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है. सर्च अभियान के दौरान पुलिस के इस नक्सली नेता के ठहरने के कई सुराग हाथ लगे हैं.
माओवादियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन के थे संकेत :डीआइजी प्रभात कुमार व एसपी अनीश गुप्ता ने पहले से ही माओवादियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन के संकेत दिये थे. इस बार ऑपरेशन एनाकोंडा के तर्ज पर कुछ-कुछ अंतराल में अलग-अलग अभियान चलाने की रणनीति को लेकर पुलिस चल रही थी. इसके तहत माओवादियों को सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट से उखाड़ फेंकना व उन्हें सरेंडर कराना था. सारंडा व पोड़ाहाट के बाद पुलिस कोल्हान क्षेत्र में टारगेट कर रही थी. उधर, माओवादी के एरिया कमांडर जुनास कंडुलना ने आत्म समर्पण के बाद पुलिस को सारंडा व पोड़ाहाट के साथ-साथ कोल्हान क्षेत्र में नक्सली नेटवर्क की जानकारी पुलिस को उपलब्ध करा दी है.
सुरक्षा बलों ने मोरचा संभाला हुआ है. ऐसे में फिलहाल ऑपरेशन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है. -अनीश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक
जिला पुलिस कोल्हान के जंगल में चला रही ऑपरेशन टार्जन
संदीप दा शारीरिक रूप से अस्वस्थ, मुठभेड़ की स्थिति में नहीं है दस्ता
इसे लेकर पुलिस को संदीप दा के आसानी से पकड़ में आने का भरोसा