चेलाबेड़ा. हाथियों के उत्पात से परेशान दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने की बैठक,कहा
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मुआवजा दे विभाग, नहीं तो छोड़ेंगे गांव
चेलाबेड़ा. हाथियों के उत्पात से परेशान दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने की बैठक,कहा चक्रधरपुर : चक्रधरपुर प्रखंड के कई गांव में जंगली हाथियों का कहर जारी है. हाथियों(30 से 35) के आंतक से भयभीत दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने रविवार को चेलाबेड़ा गांव में वार्ड सदस्य पूर्णचंद्र नायक की अध्यक्षता में बैठक की. इसमें ग्रामीणों […]
चक्रधरपुर : चक्रधरपुर प्रखंड के कई गांव में जंगली हाथियों का कहर जारी है. हाथियों(30 से 35) के आंतक से भयभीत दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने रविवार को चेलाबेड़ा गांव में वार्ड सदस्य पूर्णचंद्र नायक की अध्यक्षता में बैठक की. इसमें ग्रामीणों ने कहा कि दो माह से जंगली हाथियों का झुंड गांव में घुस कर फसल को बर्बाद कर रहा है. कई लोगों के घरों को भी तहस-नहस कर दिया. शाम होते ही हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश कर जा रहा है. सूरज ढलने के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
लाेन लेकर किसानों ने खेती की. हाथियों द्वारा फसल को बर्बाद कर दिये जाने से किसानों के सामने खाने का भी संकट पैदा हो गया है. ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग अगर जंगली हाथियों को नहीं भगाता है तो हमलोग गांव छोड़ देंगे. विभाग ने मुआवजा देने की भी बात कही है, लेकिन अबतक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
पटाखों से भी नहीं डरते हाथी : हाथियों के बदलते व्यवहार को लेकर किसान बहुत परेशान हैं. पहले हाथी पटाखों से डर कर जंगल लौट जाते थे, लेकिन अब हाथियों ने पटाखों की आवाज से डरना बंद कर दिया है. यही कारण है कि किसानों की लाख कोशिश के बाद भी हाथी नहीं भागते.
इन गांवों में हाथियों के झुंड मचा रहे तबाही: लुपुंगबेड़ा, चिरूबेड़ा, जंतालबेड़ा, चेलाबेड़ा, पंपरोड, पोका, बंगलाटांड़, धरमसाई, हिजिया, कोमाय, लौड़ीया, गुलिका, गुड़ासाई, गुलकेड़ा, कोटसोना, बाइंका.
बैठक में अशोक नायक, यदुनाथ नायक, जगदीश नायक, अभीराम नायक, अंजली नायक, लक्ष्मी नायक, दुर्गा नायक, गीताजंलि नायक, तारामणी नायक, सारथी नायक, गुरूमुखी, गुरूदेव नायक, झागडु नायक, जगन्नाथ गोप, अनील नायक, धुतो नायक, विनोद महतो, कौशल्या नायक, मोहन लाल बोयपाई, धीरू नायक, शेखर नायक, धरणी नायक, गुरूवारी नायक, जेमा बोयपाई, सावित्री नायक, वीना नायक, डुका बोयपाई, पदमा नायक, पूर्णिमा बोयपाई,
रोजाना आधी रात में दो हाथियों का झुंड गांव पहुंचता है. एक झुंड खेतों में घुस जाता है, दूसरा गांव में घूमता है. इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों के देने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
पूर्णचंद्र नायक, वार्ड सदस्य, चेलाबेड़ा
पहले पटाखों की आवाज से हाथी डर जाते थे, लेकिन अब पटाखों का इन पर कोई असर नहीं हो रहा है. जिसके कारण हाथियों को भगाना मुश्किल हो रहा है. वन विभाग से बार-बार लिखित शिकायत करने के बावजूद विभाग मौन है.
सरना बोयपाई ,सामाजिक कार्यकर्ता
वन अधिकारी फसलों के नुकसान के फोटो ले जाते हैं. फसलों की सुरक्षा का दावा करते हैं, लेकिन न तो मुआवजा मिलता है और न ही फसलों को सुरक्षा की जा रही है. जिससे गरीब किसान हताश हैं.
भोला मुखी, ग्रामीण
कई बार ग्रामीण एकत्र होकर हाथियों को भगाते हैं. वन अधिकारी को भी मौके पर बुलाया जाता है. जिस तरह हाथियों ने आंतक मचाना शुरू कर दिया है. समय रहते विभाग कोई पहल नहीं करती है तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता.
टुरी नायक, ग्रामीण
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