सोनुवा : अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा सोनुवा का मॉडल विद्यालय. विद्यालय का न भवन है, न ही पर्याप्त शिक्षक, न बच्चे. विद्यालय में वर्तमान में सिर्फ सात विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें कक्षा छठवीं की पांच, कक्षा आठवीं की एक व कक्षा नौ की एक विद्यार्थी शामिल है. वहीं विद्यालय में पदस्थापित एक शिक्षिका सभी सात विद्यार्थी को पढ़ा रही है. जिसके कारण विद्यालय में प्रतिदिन सभी विद्यार्थी नहीं आते है.
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सोनुवा मॉडल विद्यालय में पढ़ रहे हैं सिर्फ सात बच्चे
सोनुवा : अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा सोनुवा का मॉडल विद्यालय. विद्यालय का न भवन है, न ही पर्याप्त शिक्षक, न बच्चे. विद्यालय में वर्तमान में सिर्फ सात विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें कक्षा छठवीं की पांच, कक्षा आठवीं की एक व कक्षा नौ की एक विद्यार्थी शामिल है. वहीं विद्यालय में […]
दुर्दशा. भवन व शिक्षक के अभाव में दम तोड़ रहा है सोनुवा का मॉडल विद्यालय
बेहतर शिक्षा देने के लिए 2016 में की गयी मॉडल विद्यालय की स्थापना
ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए करीब चार साल पूर्व प्रत्येक प्रखंड में एक मॉडल स्कूल की स्थापना की गयी थी.
इस विद्यालय में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से विभिन्न विषयों की पढ़ाई होती है. लेकिन विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण अब अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय में नामांकन करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. वर्ष 2016 में विद्यालय केे कक्षा छठवीं में नामांकन के लिए 28 छात्र–छात्राओं का चयन हुआ था. लेकिन मॉडल विद्यालय की व्यवस्था को देखते हुए सिर्फ पांच विद्यार्थियों ने ही नामांकन किया. वहीं अन्य कक्षाओं के विद्यार्थी विद्यालय की व्यवस्था खराब होने के कारण विद्यालय से चले गये. नियम के मुताबिक प्रतिवर्ष विद्यालय के कक्षा छठवीं में नामांकन के लिए कुल 30 विद्यार्थियों का चयन किया जाना है. विद्यालय में नामांकन के लिए सरकारी विद्यालयों के बच्चों की एक चयन परीक्षा आयोजित की जाती है.
विद्यालय का भवन नहीं होने के कारण विद्यालय का संचालन सोनुवा के प्लस टू उच्च विद्यालय के एक भवन किया जा रहा है.
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