किरीबुरू : सेल की तमाम खदानों में मैनपावर की भारी कमी है. जिसे दूर करने का प्रयास सेल प्रबंधन पिछले कुछ वर्षों से नहीं किया कर रहा है. उक्त बातें इंटक के प्रदेश महामंत्री बिरेंद्र चौबे ने मेघालया गेस्ट हाउस में कही. उन्होंने कहा की सेल की खदानों में स्थायी प्रवृत्ति के कार्यों के अलावे भारी मशीनों के संचालन में ठेका श्रमिकों से काम लिया जा रहा है. जो गलत है. इसके अलावे ऐसे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती. उन्हें पैसों के लिये ठेकेदारों के चक्कर लगाने पड़ते है.
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मैन पावर की कमी दूर नहीं करना चाहता है सेल प्रबंधन : बिरेंद्र चौबे
किरीबुरू : सेल की तमाम खदानों में मैनपावर की भारी कमी है. जिसे दूर करने का प्रयास सेल प्रबंधन पिछले कुछ वर्षों से नहीं किया कर रहा है. उक्त बातें इंटक के प्रदेश महामंत्री बिरेंद्र चौबे ने मेघालया गेस्ट हाउस में कही. उन्होंने कहा की सेल की खदानों में स्थायी प्रवृत्ति के कार्यों के अलावे […]
इनका पीएफ का पैसा ठेकेदार अपने सगे संबंधियों के खाते में जमा करा रहे हैं. उन्होंने कहा की सेल प्रबंधन खदान क्षेत्र के गांवों के विकास व बेरोजगारों को रोजगार देने के क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं कर रहा है. जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है. सेल प्रबंधन पेंशन स्कीम लाने जा रही है. जो मार्केट ओरियेन्टेड होगा. इस पर खदान के कामगारों से विचा- विमर्श किया जा रहा है. उन्होंने उक्त मामलों समेत कुछ अन्य स्थानीय मामलों जैसे अस्पताल, पेयजल, टाउनशिप आदि मामलों को लेकर किरीबुरू एंव मेघाहातुबुरू खदान के महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों से बात की. उन्होंने कहा की तमाम समस्याओं को लेकर फरवरी माह में कर्मचारियों,
ठेका श्रमिकों एंव खदान क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ बैठक हेतु इंटक का किरीबुरू में कन्वेंशन होगा. जिसमें आगे की रणनीति तैयार होगी. इस दौरान उपेंद्र सिंकु, दुचा टोप्पो, रमेश गोप, मनोरंजन साहू, प्रदीप सिंह, नवल किशोर सिंह, सुनील कुमार यादव आदि दर्जनों मजदूर थे.
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