धान पकते ही गुलकेड़ा में हाथियों का उत्पात शुरू
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हाथियों ने तोड़े घर फसलों को रौंदा
धान पकते ही गुलकेड़ा में हाथियों का उत्पात शुरू 20 से 25 की संख्या में रोजाना गांव पहुंच रहे हैं हाथी चक्रधरपुर : धान की फसल पकते और घर खलिहान में पहुंचते ही जंगली हाथियों का भी गांव में पहुंचना शुरू हो गया है. जिससे ग्रामीणों में दहशत है. रविवार की रात करीब 20 से […]
20 से 25 की संख्या में रोजाना गांव पहुंच रहे हैं हाथी
चक्रधरपुर : धान की फसल पकते और घर खलिहान में पहुंचते ही जंगली हाथियों का भी गांव में पहुंचना शुरू हो गया है. जिससे ग्रामीणों में दहशत है. रविवार की रात करीब 20 से 25 हाथियों के झुंड ने गुलकेड़ा गांव में पहुंच कर खेतों में धान की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर दिया. साथ ही गांव के सालुका जामुदा के घर को चारो ओर से घेर चावल और धान को चट कर गये. एसबेस्टर की घर के दीवार को तोड़ दिया. सालुक जामुदा के घर में करीब एक क्वींटल चावल तथा एक पुड़ा धान (400) किलो धान था. सोमवार की सुबह मुखिया पोंडेराम सामाड गांव के किसानों और सालुका जामुदा से मिलकर विभाग से वार्ता कर मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया. बताया जाता है कि शनिवार को हाथियों ने पकुवाबेड़ा गांव के मानकी सामाड का घर तोड़ दिया था.
गुलकेड़ा गांव के सातारी जामुदा, मोजारी जामुदा, शिव कुमार बोदरा, तुराम लामाय, माजी सुरीन, रामराई सुरीन, लांबारा सुरीन, कृष्णा जामुदा, लिटे सिंह जामुदा, रामराई जामुदा के खेतों में फसल को नुकसान पहुंचा है.
हाथियों को भगाने के लिए विभाग सुविधा बहाल करें:गुलकेड़ा पंचायत मुखिया पोंडेराम सामाड ने वनविभाग से हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों को सुविधा देने की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि विभाग ग्रामीणों को पटाखे, ट्रॉच लाइट आदि की सुविधा उपलब्ध कराये, ताकि ग्रामीण हाथियों को भगा सकें.
अंधेरा होते ही गांव में प्रवेश कर जा रहे हैं हाथी
जंगल से गांव सटे होने के कारण शाम में अंधेरा होते ही हाथियों का झुंड गांव में पहुंच जा रहा है. दिन में भी हाथी आसपास क्षेत्र में ही मंडरा रहे हैं. धान खाने को लेकर हाथी गांव में पहुंच रहे हैं. जिससे ग्रामीण दहशत में हैं.
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