चाईबासा : भारत सेवाश्रम संघ के सौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर रवींद्र भवन में शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है. समारोह के दूसरे दिन रविवार को प्रात़: मंगल आरती, 6 बजे श्रीमद् भागवत गीता पाठ एवं श्रीरामचरित मानस पाठ, 10 बजे भजन कीर्तन, आशीर्वचन, महाअभिषेक, वैदिक विश्वशांति यज्ञ, अन्नकूट महोत्सव, विशेष पूजा एवं […]
चाईबासा : भारत सेवाश्रम संघ के सौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर रवींद्र भवन में शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है. समारोह के दूसरे दिन रविवार को प्रात़: मंगल आरती, 6 बजे श्रीमद् भागवत गीता पाठ एवं श्रीरामचरित मानस पाठ, 10 बजे भजन कीर्तन, आशीर्वचन, महाअभिषेक, वैदिक विश्वशांति यज्ञ, अन्नकूट महोत्सव, विशेष पूजा एवं रुद्र आरती का आयोजन किया गया. इसके अलावा दोपहर 1 से 3 बजे तक भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया.
संध्या चार बजे पश्चिम बंगाल, मुर्शीदावाद के पार्टी द्वारा राइवेशे नृत्य प्रस्तुत किया गया. इसके अलावा संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. समारोह में कई लोगों ने दीक्षा संस्कार ग्रहण किया.
श्रीमत् स्वामी शाश्वतानंदजी महाराज ने कहा कि स्वामी प्रणवनंदजी महाराज मानव सेवा में लीन थे. उन्होंने शिक्षाहीन को शिक्षा देने तथा ज्ञानहीन हो ज्ञान देने का काम किया. उन्होंने कहा कि सेवा ही धर्म है. सेवा करना उनका मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा भारत सेवाश्रम संघ मानव कल्याण, विश्व शांति, नि:स्वार्थ मानव सेवा के लिए कई वर्षों से वैदिक शांति यक्ष, भजन-कीर्तन, हिंदू संस्कृति सम्मेलन का आयोजन करती आ रही है. समारोह को सफल बनाने में मनोज सतपति, सुजीत गुहा, स्वामी शुभ्रानंदजी के अलावा भारत सेवाश्रम संघ के सन्यासी, ब्रह्माचारी एवं अनुरागीवृंद का सहयोग रहा.