शुभारंभ. प सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड में सीएम ने किया पावर ग्रिड का शिलान्यास
गुदड़ी के 87 गांव एक साल में होंगे रोशन
जिले में 460 करोड़ की 40 योजनाओं का किया शिलान्यास व उदघाटन
कारो नदी पर बनाये जायेंगे दो पुल
गोइलकेरा/सोनुवा : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड के राजगांव में जिले के लिए 460 करोड़ की 40 योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास व उदघाटन किया. मौके पर सीएम ने कहा कि एक साल में गुदड़ी प्रखंड के सभी गांव बिजली से रोशन होंगे. उन्होंने इसके लिए 120 किमी विद्युतीकरण कार्य का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में कोयला का पर्याप्त भंडार होने के बावजूद एक भी पावर प्लांट नहीं है. राज्य सरकार ने मार्च 2018 तक राज्य के हर घर में सातों दिन व 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य रखा है.
गांवों में बिजली पहुंचेगी, तो राज्य समृद्ध होगा. गुदड़ी प्रखंड के 88 गांव में से 87 गांवों में आजादी के 70 वर्ष बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. डेडलाइन तय कर दी गयी है 2017 में आज ही के दिन प्रखंड के सभी गांव में रोशनी आयेगी. मैं आज ही के दिन आउंगा और उदघाटन करूंगा. सीएम ने जिला प्रशासन की ओर से आयोजित विकास मेला में हिस्सा लिया.
सीएम ने कहा कि गुदड़ी से सोनुवा सड़क का टेंडर हो गया है. जल्द काम शुरू हो जायेगा. प्रशासन, विधायक व सांसद की मांग पर गोइलकेरा से सेरेंगदा होते हुए गुदड़ी पथ का डीपीआर जल्द तैयार कर सड़क बनायी जायेगी. वहीं कारो नदी पर दो पुल (बीरकेल पंचायत व टोमडेल पंचायत के जिलींगगुटू में) बनाया जायेगा, ताकि रांची जाने का मार्ग आसान हो जाये. उन्होंने कहा कि पुल सिर्फ दो गांवों को नहीं जोड़ते, बल्कि दो दिलों को जोड़ते हैं.
गुदड़ी प्रखंड के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर सीएम ने उपायुक्त को शिक्षकों की बहाली होने तक स्थानीय शिक्षित युवकों को अनुबंध पर बहाल करने को कहा. ताकि शिक्षा बाधित न हो. उन्होंने कहा कि लोग शिक्षित होंगे, तो कई समस्याएं स्वत: दूर हो जायेंगी.
सेविका व सहायिका सिर्फ वेतन बढ़ाने की मांग न करें, बच्चों पर ध्यान दें
सीएम ने कहा कि झारखंड तभी समृद्ध होगा, जब आंगनबाड़ी सही ढंग से संचालित होंगे. आंगनबाड़ी संस्कार का मंदिर है. कुपोषण मिटाने का संकल्प लेना होगा. सेविका व सहायिका सिर्फ वेतन बढ़ाने की मांग न करें. बच्चों पर विशेष ध्यान रखें.
गरीबी झेल रहा है पश्चिम सिंहभूम : मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की माइनिंग से लोग अरबपति-खरबपति बन गये, लेकिन यहां के लोग आज भी गरीबी की मार झेल रहे हैं. बहुत पीड़ा होती है. यहां के आदिवासी गरीब परिवारों को सिर्फ मतपेटी भरने के तौर पर इस्तेमाल किया गया है. यह सरकार गरीबों के लिए जीयेगी और गरीबों के लिए मरेगी, क्योंकि गरीबों की एक-एक मत से सरकार बनी है.