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सऊदी में जबरन कराया गया सफाईकर्मी का काम

।। शीन अनवर ।। – दूतावास की मदद से स्वदेश लौटे सऊदी गये भारतीय – सऊदी भेजने के एवज में तथाकथित एजेंट ने लिये थे 40 हजार रुपये – मैकेनिकल हेल्पर का काम दिलाने की बात कह कर भेजा गया था – दूतावास से शिकायत करने पर कमरे में बंद कर 12 दिन तक रखा […]

।। शीन अनवर ।।

– दूतावास की मदद से स्वदेश लौटे सऊदी गये भारतीय

– सऊदी भेजने के एवज में तथाकथित एजेंट ने लिये थे 40 हजार रुपये

– मैकेनिकल हेल्पर का काम दिलाने की बात कह कर भेजा गया था

– दूतावास से शिकायत करने पर कमरे में बंद कर 12 दिन तक रखा गया भूखा

– सऊदी में भारतीय दूतावास ने शिकायत पर शुरू की मामले की जांच

चक्रधरपुर : भारत से सऊदी अरब गये सात भारतीयों से जबरन सफाईकर्मी का काम लिया गया. पेट की भूख मिटाने के एवज में 43 दिनों तक उनसे गंदगी साफ करने का काम लिया जाता रहा. जब उन्होंने भारतीय दूतावास में इसकी शिकायत की, तो उन्हें एक कमरे में 12 दिनों तक बंद करके भूखा रखा गया.

इस जुल्म के शिकार हुए लोगों में से एक मो अकबर अली बंगलाटांड़ चक्रधरपुर का रहने वाला है. दूसरा युवक आजादबस्ती जमशेदपुर निवासी मो शाहनवाज है. इनके अलावा राजस्थान के मो रइस, मो साकिब, मो अकरम, अब्दुल रहीम नंद किशोर भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें यह प्रताड़ना झेलनी पड़ी. अकबर अली के मुताबिक दंदासाई चक्रधरपुर में निवास करनेवाले मो जमील के माध्यम से वह सऊदी अरब गये थे. जुलाई 2007 में उन्हें साउदी भेजा गया था.

43 दिन प्रताड़ित होने के बाद 19 सितंबर को उन्हें दमाम में लाकर कमरे में बंद कर दिया गया. यहां 12 दिन रहने के बाद अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही सभी भारत वापस पहुंचे. जुलाई में जमील ने एयर लाइंस टूर एंड ट्रेवल्स जमशेदपुर के माध्यम से उन्हें सऊदी अरब भेजा था. उसे मेकेनिकल हेल्पर के पद पर जद्दा स्थित अलकुदरी कंपनी में भेजा गया था.

बताया गया कि 750 रियाल अर्थात 11 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे. सऊदी अरब जाने में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आया. जब वे दमाम से जद्दा पहुंचे, तो उन्हें बलदिया (सफाइकर्मी) का काम करने को कहा गया. इनकार करने पर सभी के साथ जुल्म किया गया. उन्हें जबरन सफाई के काम में लगाया गया.

लगातार 43 दिनों तक उन्हें प्रताड़ित किया गया. भारतीयों ने जब भारत वापस भेजने का आग्रह कंपनी से किया, तो उनसे साढ़े तीन हजार रेयाल अर्थात करीब 56 हजार रुपये जमा कराने को कहा गया. इसी दौरान सातों भारतीयों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और अपनी शिकायतें दर्ज करायी. 22 दिनों की जांच पड़ताल के बाद भारतीय दूतावास ने कंपनी को गलत करार दिया और सभी भारतीयों को वापस भारत भेजने को कहा.

कंपनी को जब इसकी जानकारी मिली, तो जद्दा से दमाम ले जा कर सातों भारतीयों को एक कमरे में छोड़ दिया गया. उन्हें भोजन भी देना बंद कर दिया गया. 12 दिनों तक एक ही कमरे में भारतीयों ने समय गुजारा. इस दौरान उन्हें कई दिनों तक भूखे भी रहना पड़ा. 12 दिनों के बाद कंपनी द्वारा पासपोर्ट, एयर टिकट देकर भारत वापस भेजा गया. अकबर के मुताबिक उसी कंपनी के और 25 भारतीयों ने हमारे बाद शिकायत दर्ज करवायी है. भारतीय दूतावास इसकी जांच कर रहा है.

जमील मेरा गुनाहगार है : अकबर

मो अकबर अली ने कहा कि दंदासाई निवासी जमील मेरा गुनाहगार है. उसने हमें धोखे में रख कर सफाईकर्मी का काम करने के लिए भेज दिया. अब वह हमारा फोन नहीं उठा रहा है और ना ही मुलाकात करना चाह रहा है. उससे हमें अपने 40 हजार रुपये वापस लेने हैं.

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