राजेश श्रीवास्तव की पत्नी मेघा सिन्हा ने पंचायत से किया निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध
नोवामुंडी : बालीझरण पंचायत में गांव की सरकार की ओर से पति राजेश श्रीवास्तव व पत्नी मेघा सिन्हा के मामले में सुनाये गये अजीबो–गरीब फैसले ने नया मोड़ ले लिया है. पत्नी मेघा सिन्हा द्वारा पुनर्विचार याचिका पंचायत में दायर करने पर गांव की सरकार ने केस को री–ओपन कर दिया.
मंगलवार को गांव की सरकार द्वारा नोटिस जारी कर दोनों पक्षों को पंचायत सचिवालय में हाजिर होकर पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है. मंगलवार को पंचायत सचिवालय में केवल मेघा सिन्हा उपस्थित हुई. जबकि पति राजेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित नहीं हो सके. मेघा सिन्हा के बयान को गांव की सरकार ने कलमबंद किया. इसमें मेघा ने बताया कि विगत 19 सितंबर को हुई पंचायत में ससुराल वालों के डर से सच्चाई नहीं बता सकी थी.
उसने कहा कि वह पति राजेश कुमार श्रीवास्तव के साथ ही रहना चाहती है. ससुराल वालों पर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगायी. उसने कहा कि प्रेम भाव के साथ पति के घर ही रहेगी. पंचायत में ग्रामीण मुंडा घोसवा बारजो, मुखिया संजय कुमार मांझी व अन्य उपस्थित थे.
क्या था मामला
टाउनशिप कैंप के टिस्को कर्मचारी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने पंचायत में अपनी पत्नी मेघा सिन्हा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी था. जिसमें पत्नी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पति के साथ नहीं रहने की बात कही गयी थी. दोनों पक्षों को पंचायत में बुला कर सुनवाई की गयी थी.
इसमें पत्नी ने अपनी स्वेच्छा से पति के साथ नहीं रह कर पूर्व प्रेमी मनीष वर्मा के साथ रहने की बात कही थी. दो वर्ष की बच्ची को पति के पास छोड़ कर स्वेच्छा से जाने की बात कही थी. पंचायत द्वारा पति व बच्ची को छोड़ कर जाने के फैसले पर मुहर लगा दी
गयी थी. फैसले में पंचायत द्वारा मेघा सिन्हा के पिता की जगह मां कंचन सिन्हा का नाम दर्ज कराना भी रहस्यमय है. इस तरह 19 सितंबर को पंचायत के फैसले के बाद दो वर्ष की बच्ची की पति के पास छोड़ कर चली गयी थी. इस तरह पत्नी ने पंचायत से एक बार फिर न्याय की गुहार लगायी है.