जगन्नाथपुर : तोड़ांगहातु पंचायत के कुंद्रीझोर गांव में लगातार जंगल के गजराजों का आतंक जारी रहा. मंगलवार को लगभग 6.30 बजे हाथियों का एक झुंड 19 से 20 की संख्या में फिर गांव के समीप आ गये. ग्रामीण तीन दिन और रात से अपनी जान–माल की सुरक्षा में लगे हुए हैं.
हाथियों ने बड़ी संख्या में साग–सब्जी व फसलों को रौंद डाला. हाथियों के झुंड में एक शिशु हाथी भी है, जिसे उसकी माता सूढ़ में उठाये जंगल के आस–पास विचरण कर रही है.
पंचायत समिति सदस्य सरस्वती तिरिया, वार्ड सदस्य संदीप तिरिया और ग्रामीण मुंडा चंपाई केराई, समाज सेवक श्रीनिवास तिरिया ने क्षतिग्रस्त फसलों का बुधवार को जायजा लिया और पीड़ित किसान को नुकसान की जानकारी दी.
कई एकड़ फसल रौंदी
मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित किसान मधु तिरिया 75 डिसमिल, निर्मल तिरिया 45 डिसमिल, सरस्वती तिरिया 4 एकड़, सोनाराम तिरिया 25 डिसमिल, चाड़ी तिरिया 30 डिसमिल, राउड़िया गागराई 35 डिसमिल, विक्रम तिरिया 40 डिसमिल, सोनाराम गोप 25 डिसमिल, संदीप तिरिया 40 डिसमिल, गुरा चातोम्बा 45 डिसमिल, रोयवारी कुई 35 डिसमिल, मोटाय तिरिया 30 डिसमिल, गुमदी चातोम्बा 20 डिसमिल, विक्रम तिरिया 50 डिसमिल, सोमनाथ तिरिया 65 डिसमिल, शिव शंकर तिरिया 15 डिसमिल, राम तिरिया 4 एकड़ 72 डिसमिल, गंगाराम तिरिया 2 एकड़ 50 डिसमिल, मुंडा चंपाई केराई तीन एकड़, श्रीनिवास तिरिया एक एकड़ आदि के धान की फसलों को हाथियों ने
रौंद डाला.घटना की जानकारी संदीप तिरिया ने नोवामुंडी वन प्रक्षेत्र कार्यालय को दी. यह गांव डाउबेड़ा सब सीट अंतर्गत आता है.
वनकर्मी ने लिया जायजा
वनकर्मी भागीरथ गोप लगभग एक बजे गांव पहुंचे व पीड़ितों से घटना की जानकारी लेकर मुआवजा के लिए आवेदन पत्र का प्रारूप दिया. साथ ही इसे भर कर कार्यालय में जमा करने की बात कही. ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग टॉर्च, मोबिल, पटाखा, जूट व सुरक्षा मुहैया कराने अन्यथा एसडीओ कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जायेगा.
ऋण माफ हो : पंसस
जैंतगढ़. तोड़ांगहातु पंचायत के पंचायत समिति सदस्य सरस्वती तिरिया ने कहा कि कुंद्रीझोर गांव में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. अब तक लाखों की क्षति हो चुकी है. अक्सर किसान बैंक से केसीसी लेकर खेती कर रहे हैं. ऐसे में वे अपना ऋण कहां से चुकायेंगे. उन्हें फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिलता. उन्होंने किसानों का इस वर्ष का ऋण माफ करने के साथ ही उचित मुआवजा व सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की.