चाकुलिया : वर्ष 2019 के पांच माह में चाकुलिया प्रखंड में एचआइवी एड्स के चार मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में चार एचआइवी पॉजिटिव मरीज पाये गये हैं, इसमें दो पति- पत्नी हैं और दो पुरुष हैं. चारों मरीजों में एक ट्रक चालक और उसकी पत्नी है, जबकि दो अन्य मजदूर हैं. सभी बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश चंद्र महतो की देखरेख में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में रक्त जांच के बाद इन चारों मरीजों में एचआइवी पॉजिटिव के लक्षण मिले हैं.
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पांच माह में एड्स के चार मरीज मिले, स्वास्थ्य विभाग चिंतित
चाकुलिया : वर्ष 2019 के पांच माह में चाकुलिया प्रखंड में एचआइवी एड्स के चार मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में चार एचआइवी पॉजिटिव मरीज पाये गये हैं, इसमें दो पति- पत्नी हैं और दो पुरुष हैं. चारों मरीजों में एक ट्रक चालक और उसकी पत्नी है, जबकि दो […]
उन्होंने कहा कि एचआइवी पॉजिटिव के लक्षण मिलने पर मरीजों को जमशेदपुर रेफर कर दिया जाता है, जहां उनकी दोबारा जांच कर उन्हें दवाइयां उपलब्ध करायी जाती हैं. स्वास्थ्य विभाग की चिंता का प्रमुख कारण यह है कि एड्स के मरीजों के नाम गुप्त रखे जाते हैं. ऐसे में यदि एड्स पीड़ित का किसी भी प्रकार से किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क स्थापित हो जाये, तो संपर्क में आने वाला व्यक्ति भी एड्स की चपेट में आ सकता है.
ग्रामीण क्षेत्रों में घूम घूम कर दाढ़ी और बाल बनाने की परंपरा देखने को मिलती है. ऐसे लोग साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान नहीं देते. खास कर दाढ़ी और बाल बनाने के बाद ब्लेड बदलने की ओर ध्यान नहीं देते. यदि एड्स के मरीजों की हजामत बनाने के बाद उसी औजार से किसी स्वस्थ व्यक्ति की हजामत बनाये
तो वह भी एड्स की चपेट में आ सकता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश चंद्र महतो ने बताया कि एड्स से बचने के लिए हजामत बनाने में उस्तरे का ब्लेड अवश्य बदलवा लें. इसके अलावा बाहरी व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क स्थापित करने पर सुरक्षा अवश्य बरतें.
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