- थर्ड लाइन के निर्माण के लिए बासुकीनगर में जमीन खाली करवा रहा रेलवे
- नोटिस के डर से खुद अपना घर तोड़ रहे लोग
- गुरुवार रात खुले आसमान के नीचे सोया था शेख हासिम के दो माह का बच्चा
- नवजात की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश, पहुंचे अनुमंडल कार्यालय
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घाटशिला : रेलवे ने दिया था हटाने का नोटिस, डर से खुले आसमान में रह रहा परिवार, कड़ाके की ठंड से दो माह के बच्चे की हुई मौत
घाटशिला : घाटशिला के बासुकीनगर के लोग रेलवे के नोटिस के बाद डर से खुले आसमां के नीचे रात गुजार रहे हैं. रेलवे ने थर्ड लाइन के निर्माण के लिए अतिक्रमित लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया है. इसी नोटिस के डर से बासुकी नगर निवासी शेख हासिम का परिवार भी घर छोड़ […]
घाटशिला : घाटशिला के बासुकीनगर के लोग रेलवे के नोटिस के बाद डर से खुले आसमां के नीचे रात गुजार रहे हैं. रेलवे ने थर्ड लाइन के निर्माण के लिए अतिक्रमित लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया है.
इसी नोटिस के डर से बासुकी नगर निवासी शेख हासिम का परिवार भी घर छोड़ कर खुले आसमान के नीचे रह रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि खुले आसमान के नीचे रहने के कारण ठंड लगने से गुरुवार की रात शेख हासिम के दो माह के बच्चे की मौत हो गयी.
नवजात की मौत की बाद मां समवास बेगम बदहवास है. नवजात के माता-पिता का कहना है कि रेलवे के नोटिस के बाद हम सब आसमान के नीचे आ गये, पर प्रशासन ने अभी तक ठंड से बचने के लिए कंबल तक उपलब्ध नहीं कराया है.
इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण शुक्रवार को वार्ड सदस्य फरीदा खातून के नेतृत्व में अनुमंडल कार्यालय पहुंचे. कार्यपालक दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार दास से मुलाकात की.
कुल 132 परिवार को नोटिस
रेलवे ने बासुकीनगर के कुल 132 परिवार को नोटिस भेजा है. नोटिस मिलने के बाद से ही सारे लोग परेशान हैं. प्रत्येक परिवार में कोई न कोई सदस्य बीमार हो गया है. नवजात की मौत के बाद लोगों ने आरोप लगाया है कि रेलवे की ओर से बार-बार नोटिस भेजा जा रहा है. भारी ठंड में रेलवे के पदाधिकारियों को थोड़ी राहत देनी चाहिए थी.
प्रशासन को गरीबों को बसाने की दिशा में पहल करनी चाहिए थी. ग्रामीण यहां कई दशकों से बसे हैं. रेलवे के बार-बार नोटिस थमाने के कारण वे अपना आशियाना खुद ही तोड़ रहे हैं. लोग खुले आसमान के नीचे रहने पर विवश हैं.
हर परिवार का कोई न कोई बीमार : बासुकीनगर के अकबर अंसारी (55) और छोटू अंसारी (50) रेलवे के नोटिस के बाद से बीमार हैं. दोनों ने बताया कि वे काफी सहमे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यहां रह रहे 132 परिवारों में कोई न कोई सदस्य बीमारी की चपेट में आ गया है.
दो माह से नहीं हो रही कार्रवाई : ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो माह से प्रशासन से बसने के लिए भूमि की मांग की जा रही है.
मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. पिछले दिनों बासुकीनगर के लोग फूलपाल रामकृष्ण शारदा विद्यापीठ स्कूल के पीछे स्थित खाली जमीन पर रहने गये थे, पर वहां बसने नहीं दिया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने दूसरे दिन अनुमंडल कार्यालय आकर भूमि की मांग की थी. पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
मुझे जानकारी नहीं है कि नवजात की मौत ठंड से हुई है या किसी और कारण से. खुले आसमान के नीचे रह रहे बासुकीनगर के लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही है. बीडीओ को 132 परिवारों को कंबल देने को कहा गया है. ग्रामीणों से कहा कि मामले को अनुमंडल पदाधिकारी के पास रखें, ताकि उचित कार्रवाई हो सके.
देवेंद्र कुमार दास, कार्यपालक दंडाधिकारी, घाटशिला.
मनोहरपुर : ठंड से वृद्ध की मौत
मनोहरपुर. मनोहरपुर प्रखंड के मधुपुर गांव में ठंड लगने से 60 वर्षीय बलराम महतो की मौत हो गयी. हालांकि ठंड से मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. मृतक के पुत्र चंद्रमोहन महतो ने बताया कि उनके पिता बुधवार की शाम को घर से निकले थे पर रात में वापस नहीं लौटे. गुरुवार को खोजबीन शुरू की गयी तो घर की झाड़ियों के समीप उन्हें मृत अवस्था में पाया गया. उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
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