सेविका-सहायिकाओं ने फूंका चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल
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काला बिल्ला, प्रदर्शन के बाद 17 से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी
सेविका-सहायिकाओं ने फूंका चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल चाईबासा : 11 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की अोर से 16 जनवरी को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. उक्त निर्णय रविवार को विकास भवन में हुई मोर्चा की बैठक में लिया गया. बताया गया कि समान वेतन समेत अन्य मांगों […]
चाईबासा : 11 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की अोर से 16 जनवरी को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. उक्त निर्णय रविवार को विकास भवन में हुई मोर्चा की बैठक में लिया गया. बताया गया कि समान वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाएं आंदोलन के तहत 1 से 7 जनवरी तक काला-बिल्ला लगाकर कार्य करेंगी. जबकि 16 को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन एवं शाम में मशाल जुलूस, 17 जनवरी से जिला के सभी सेविका, सहायिका एवं पोषण सखी बेमियादी हड़ताल पर चली जायेंगी.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष अनिता बिरूवा ने कहा कि सेविका व सहायिका, निर्वाचन कार्य समेत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजना एवं कुपोषण मुक्त शिक्षित झारखंड बनाने में महत्वपूर्ण सेवा दे रही है. बावजूद उन्हें वाजिब मानदेय से वंचित रखा जा रहा है. जबकि केंद्र सरकार एवं झारखंड उच्च न्यायालय का कहना है कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाये. बैठक में महासंघ के संरक्षक काशीनाथ साह, कांता गुड़िया, बिंदु रजक, सैलिश पिंगुवा, बसमति देवी, अंजली देवी, अर्चना महतो, झुमा मिश्र समेत जिले के सभी प्रखंडों की सेविका, सहायिका व पोषण सखी उपस्थित थीं.
क्या हैं मांगें : समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर सेविका का मानदेय न्यूनतम 21,000 रुपये, सहायिका का 15,000 रुपये एवं पोषण सखी का नियमावली बनाने, सेविका, सहायिका व पोषण सखी को सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए वेतनमान निर्धारित करने, महंगाई, चिकित्सा, यात्रा भत्ता व मोबाइल भत्ता देने, वरीयता एवं योग्यता के आधार पर पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों पर प्रोन्नति देने, इपीएफ योजना में शामिल करते हुए पांच लाख रुपये की बीमा देने, रेडी-टू-ईट योजना का नवीकरण न कर पूर्ववत् पोषाहार योजना को लागू करने, सेविका, सहायिका एवं पोषण सखी की सेवानिवृति उम्र सीमा 65 वर्ष करने, सेवानिवृति के पश्चात् पेंशन लागू करने, आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करते हुए यूनिफार्म देने, गर्मी, जाड़ा व त्यौहार अवकाश देने आदि मांगे शामिल है.
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