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छह का हत्यारोपी पीएलएफआइ सदस्य मिरगा सांडिल गिरफ्तार

चक्रधरपुर . गोइलकेरा व गुदड़ी थाने में कुल छह मामले हैं दर्ज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सकल देव राम ने प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी आरोपी के पास से देसी पिस्तौल व दो जिंदा गोली बरामद बिरकेल गांव में घेराबंदी कर 22 अक्तूबर की शाम हुई गिरफ्तारी चक्रधरपुर : गुदड़ी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार […]

चक्रधरपुर . गोइलकेरा व गुदड़ी थाने में कुल छह मामले हैं दर्ज

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सकल देव राम ने प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी
आरोपी के पास से देसी पिस्तौल व दो जिंदा गोली बरामद
बिरकेल गांव में घेराबंदी कर 22 अक्तूबर की शाम हुई गिरफ्तारी
चक्रधरपुर : गुदड़ी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छह निर्दोष लोगों की हत्या का आरोपी पीएलएफआइ संगठन के सक्रिय सदस्य मिरगा सांडिल को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सकलदेव राम ने सोमवार को अपने कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी. उन्होंने बताया गया कि मिरगा सांडिल को बिरकेल गांव में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से देसी पिस्तौल व दो जिंदा गोली बरामद हुआ है. गुदड़ी थाना प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता के नेतृत्व में छापामारी दल का गठन कर व बिरकेल गांव में घेराबंदी कर 22 अक्तूबर की शाम गिरफ्तार किया गया.
पुलिस को मिरगा सांडिल की तलाश लंबे समय से थी. वह बिरकेल गांव का रहने वाला है. पीएलएफआइ संगठन में पिछले चार साल से सक्रिय है. इस पर गोइलकेरा व गुदड़ी थाने में कुल छह मामले दर्ज हैं.
छापामारी दल में पुलिस अवर निरीक्षक श्री गुप्ता के अलावा, एएसआइ अखिलेश पासवान, मनोज कुमार सिंह, गुदड़ी थाना के रिजर्व गार्ड व आइआइबी के सशस्त्र बल शामिल थे.
हत्या व लूटकांड में शामिल था मिर्गा सांडिल : गिरफ्तार पीएलएफआइ संगठन का सक्रिय सदस्य मिरगा सांडिल अब तक छह लोगों की हत्या व दो लूटकांड को अंजाम दे चुका है. सुशील बुढ़, जय मशी, कल्याण बरजो, सेवियर बुढ़, सुरेश भुइयां व जोरन जीतन लोमगा का हत्या कर चुका है. ठेकेदार अशोक प्रधान के रिश्तेदार से गुदड़ी सेरेंगदा घाटी में हथियार के बल छिनतई कर चुका है.
चार साल में मात्र दो हजार मिला : मिरगा
गिरफ्तार पीएलएफआइ के सक्रिय सदस्य मिरगा सांडिल्य ने बताया कि पिछले चार साल से वह संगठन में काम कर रहा है. छह हत्या करने व लूट कांड को अंजाम देने की घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि शनिचरा सुरिन व जोनल कमांडर मंगरा लुगुन के साथ रहता था. संगठन से उसे अब तक मात्र दो हजार रुपये मिले हैं. खाना-पीना आदि मिलता था. माओवादी संगठन के सदस्यों के साथ पीएलएफआइ सदस्यों का रिश्ता हमेशा टकराव का रहा है.

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