सिमडेगा. पूर्व मंत्री विमला प्रधान ने बयान देते हुए कहा है कि सिमडेगा विधायक धर्म की राजनीति करते हैं. इस बयान पर विधायक भूषण बाड़ा ने कहा है कि विमला प्रधान का यह बयान भाजपा की घबराहट का प्रमाण है. विधायक ने कहा कि पूर्व मंत्री विमला प्रधान को यह पता होना चाहिए कि रामरेखा मेला को राजकीय महोत्सव की घोषणा महागठबंधन सरकार की स्वीकृति से हुई है. इसका मतलब है कि हमारी सरकार इस मेले को एक राजकीय स्तर के आयोजन के रूप में मान्यता दे चुकी और प्रचार-प्रसार के लिए मदद कर रही. इस घोषणा के बाद अब हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर श्रीरामरेखा धाम परिसर में राजकीय रामरेखा महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. हमारी सरकार के प्रयास से हो रहा यह महोत्सव सिमडेगा के सांस्कृतिक गौरव को स्थायी पहचान देने की पहल है. पूर्व में रामरेखा महोत्सव राजकीय महोत्सव नहीं था. विधायक ने कहा कि 2015 में इस रामरेखा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में श्री रामरेखा धाम पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंच से श्री रामरेखा धाम को वैष्णो देवी और बाबा नगरी देवघर की तरह देश व दुनिया में पहचान दिलाने की घोषणा की थी. उन्होंने धाम में रोपवे निर्माण और कई अन्य सुविधाएं विकसित करने की भी घोषणा की थी. लेकिन इनमें से कोई भी काम को पूरा नहीं किया गया. रघुवर दास और भाजपा सरकार ने भगवान के चरणों से पवित्र श्रीरामरेखा धाम की धरती से भी झूठ बोलने का काम किया था. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री विमला प्रधान स्वयं पर्यटन मंत्री रह चुकी हैं. लेकिन सिमडेगा के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्य रहा कि उनके कार्यकाल में जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. विधायक ने कहा कि अर्जुन मुंडा ने केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए जिले में रोजगार सृजन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. इसके विपरीत उन्होंने जिले के युवाओं को रोजगार के नाम पर तमिलनाडु की बेकार फैक्ट्रियों में भेजने का काम किया. विधायक ने कहा कि यह विडंबना ही है कि आज विमला प्रधान धर्म के नाम पर मुझ पर राजनीति करने की बेबुनियाद बात कर रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा ने हमेशा धर्म व जाति के नाम पर राजनीति की है.
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