सिमडेगा. टुकूपानी स्थित आचार्य पद्मराज ज्योतिष गुरुकुल सभागार में रविवारीय प्रार्थना सभा हुई. मौके पर प्रार्थना के दौरान आचार्य पद्मराज स्वामी जी महाराज ने कहा कि परमात्मा के साथ जुड़ने का सबसे सरल उपाय है प्रार्थना. प्रार्थना जितनी पवित्र होती है और हृदय के साथ जितनी जुड़ी हुई होती है, उसका प्रभाव उतना ही अचिंत्य होता है. यह उस प्राण वायु की तरह होती है, जो दिखती नहीं है, पर महसूस होती है. वस्तुत: परमात्मा की भक्ति हमें अंदर से मजबूत बनाती है. जो इंसान भीतर से कमजोर है, वह छोटी सी परेशानी में भी टूट जाता है. भीतर से मजबूत इंसान बड़ी से बड़ी विपत्ति भी आसानी से पार कर लेता है. प्रभु की भक्ति से होने वाला सबसे बड़ा लाभ यही है कि हम भीतर से बलवान बन जाते हैं. गुरुकुल सभागार में आयोजित प्रार्थना सभा में आदिनाथ स्तुति, सर्वजीन स्तुति, चौबीसी स्तोत्र, अनंत सिद्ध स्तुति, हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से किया गया. गुरुदेव जी ने आदिनाथ स्तोत्र का परिचय देते हुए बताया कि यह स्तोत्र अत्यंत चमत्कारी और प्रभावशाली है. इस स्तोत्र में भगवान विष्णु के आठवें अवतार तथा प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी का स्तुतिगान किया गया है. उनकी स्तुति सचमुच में भगवान नारायण की स्तुति है. इसके पारायण मात्र से आत्मिक बल बढ़ता है. हम तीव्र गति से परमात्म तत्व की ओर अग्रसर हो जाते हैं.
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