रथिंद्र गुप्ता, कोलेबिरा सेवानिवृत्ति के बाद लोग परिवार संग समय बिता रहे हैं. कुछ खेती-बाड़ी में लगे हैं, तो कुछ समाजसेवा व धार्मिक कार्यों में सक्रिय हैं. कई शिक्षा व जागरूकता फैलाने में योगदान दे रहे हैं. वहीं कई लोग घर-परिवार की देखभाल कर शांतिपूर्ण व संतोषपूर्ण जीवन जी रहे हैं. सुवर्ण बाड़ा (जिला कल्याण पदाधिकारी, चाईबासा) ने कहा कि सरकारी सेवा में रहते परिवार से दूर रहना पड़ा. अब सेवानिवृत्ति के बाद परिवार संग घर पर रहकर खुशहाल जीवन बिता रहे हैं. सिलबानुश बिलुग (बीआरओ, कोंडेकेरा) देश के विभिन्न हिस्सों में सेवा देने के बाद अब घर पर खेती-बाड़ी कर रहे हैं. खेती से आनंद मिलता है और परिवार संग समय व्यतीत कर रहे हैं. धनंजय प्रसाद (जनसेवक, कोलेबिरा) सेवा समाप्ति के बाद समाज सेवा व धार्मिक कार्यों में सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि इस काम से संतोष मिलता है और समय सार्थक गुजर रहा है. चर्तुगुण सिंह (प्रधानाध्यापक, भंवर पहाड़) सेवानिवृत्ति के बाद घर पर रहकर सामाजिक कार्यों में लगे हैं. उन्होंने बताया कि समाज सेवा से मन को शांति मिलती है और समय अच्छा कटता है. रघुवीर प्रसाद (हेड क्लर्क, कोलेबिरा कॉलेज) सेवा समाप्ति के बाद घर में रहकर समाजसेवा में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्य से उन्हें आत्मसंतोष मिलता है. कृष्णा विलवार (पोस्टल विभाग, पटना) रांची में रहकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं और समय मिलने पर गांव जाकर बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं. उर्मिला देवी (पर्यवेक्षक, बाल विकास परियोजना) सेवानिवृत्ति के बाद महिलाओं को शिक्षित व जागरूक करने का कार्य कर रही हैं. साथ ही घर के कार्यों को भी देखती हैं.
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