सिमडेगा. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामरेखा धाम में मंगलवार को तीन दिवसीय राजकीय रामरेखा महोत्सव का उदघाटन किया गया. इसमें श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास का अनोखा दृश्य देखने को मिला. इसका उदघाटन उपायुक्त कंचन सिंह, एसपी एम अर्शी, डीडीसी दीपांकर चौधरी, रामरेखा धाम विकास समिति के अध्यक्ष व महंत अखंड दास जी महाराज, मुख्य संरक्षक दुर्ग विजय सिंह देव, संरक्षक कौशल राज सिंह देव तथा सचिव ओमप्रकाश साहू समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संयुक्त रूप से पूजा-अर्चना व नारियल फोड़ कर किया. उपायुक्त व एसपी ने भगवान श्रीराम के विग्रहों की विधिवत पूजा कर जिले की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. कार्यक्रम के दौरान रामरेखा धाम से संबंधित ऐतिहासिक व धार्मिक तथ्यों पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया, जिसमें रामरेखा धाम से जुड़ी कई रोचक तथ्य है.
कलयुग में श्रीराम का नाम ही जीवन को सफल बनाता है : अखंड दास जी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े महंत अखंड दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा राम सबके हैं. राम को जानने के लिए स्वयं में रामत्व लाना आवश्यक है. इस कलयुग में केवल राम नाम की भक्ति ही जीवन को पवित्र और सफल बना सकती है. भगवान श्रीराम ने मानव जीवन के लिए आदर्श मार्ग दिखाया है. हमें उनके बताये सत्य, मर्यादा और त्याग के पथ पर चलना चाहिए.रामरेखा धाम आस्था का प्रतीक : कौशल
धाम के संरक्षक कौशल राज सिंह देव ने कहा कि रामरेखा धाम आस्था और अध्यात्म का प्रतीक स्थल है. ऐसा विश्वास है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल में इस क्षेत्र में कुछ समय व्यतीत किया था और वनवासी समाज के प्रति प्रेम, समानता और अपनापन का संदेश दिया था. यह भूमि साधु-संतों की तपोभूमि रही है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं.रामरेखा धाम धार्मिक व ऐतिहासिक दृष्टि से रमणीय स्थल : उपायुक्त
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि रामरेखा धाम न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी सिमडेगा का सबसे रमणीय स्थल है. भगवान श्रीराम के वनवास की स्मृतियां इस भूमि से जुड़ी हैं. राज्य सरकार के निर्देशानुसार इस वर्ष मेले को राजकीय रामरेखा महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गयी हैं.सुरक्षा के किये गये हैं पुख्ता इंतजाम : एसपी
एसपी एम अर्शी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है. मेला परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल एवं सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं, ताकि किसी प्रकार की असुविधा किसी को न हो. भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण रामरेखा मेला आने वाले छह नवंबर तक जिले में धार्मिक उत्साह का केंद्र बना रहेगा. मौके पर रामरेखा धाम विकास समिति के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता व हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

