सिमडेगा. रामरेखा धाम विकास समिति की बैठक रामरेखा धाम के सभागार में आयोजित की गयी. बैठक की शुरुआत ब्रह्मलीन बाबा 1008 रामानुज जयराम प्रपन्नाचार्य जी के पूजन एवं रामधुन के साथ की गयी. इस दौरान रामरेखा धाम के विकास से संबंधित चर्चा की गयी. धर्म व संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया गया. कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ग्रामीणों ने सुझाव दिये. बैठक में अध्यक्ष परम पूज्य श्री अखंड दास जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि रामरेखा धाम न केवल एक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह हमारे धर्म, संस्कृति और मूल्यों का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि आज समाज में बढ़ती अव्यवस्था, पश्चिमी प्रभाव और नैतिक पतन के बीच यह आवश्यक हो गया है कि हम अपने बच्चों को बचपन से ही धार्मिक शिक्षा और अच्छे संस्कार दें.बाबा ने कहा कि समाज में एकरूपता लाना अत्यंत आवश्यक है. जात-पात, भेदभाव और आपसी वैमनस्य को समाप्त कर हम सभी को एकजुट होकर सेवा कार्य में लगने की जरूरत है. रामरेखा धाम की सेवा तभी सार्थक होगी, जब हम अपने व्यवहार, सोच और कार्यों में सुधार लाएं. उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि हर घर में भजन-कीर्तन और सत्संग की परंपरा को पुनर्जीवित करें. पिथरा के मंदिर परिसर में विद्यालय चलाने के लिए निर्णय लिया गया. सर्वसम्मति से कोचेडेगा में ब्रह्मलीन 1008 जयराम प्रपन्नाचार्य जी के पूर्व से बने श्री रामरेखा बाबा चौक पर स्मृति चिन्ह श्रमदान एव अंशदान से बनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में रामरेखा धाम के पदाधिकारी, सदस्य, हिंदू धर्म रक्षा समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य एवं पूजा समिति के अधिकारी सहित ग्रामीण उपस्थित थे.
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