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तीन वर्षों में भी नहीं बना कोरबा आवास
टूटे फूटे घर में रहने को विवश है कोरबा परिवार दस आवास में से एक भी पूर्ण नहीं हुआ कुरडेग : प्रखंड की खिंडा पंचायत के जामकोना में आदिम जनजाति के 10 कोरबा परिवारों के लिए तीन साल पूर्व आवास आवंटित किया गया था, किंतु तीन वर्ष बाद भी उक्त आवास पूर्ण नहीं हो सके. […]
टूटे फूटे घर में रहने को विवश है कोरबा परिवार
दस आवास में से एक भी पूर्ण नहीं हुआ
कुरडेग : प्रखंड की खिंडा पंचायत के जामकोना में आदिम जनजाति के 10 कोरबा परिवारों के लिए तीन साल पूर्व आवास आवंटित किया गया था, किंतु तीन वर्ष बाद भी उक्त आवास पूर्ण नहीं हो सके.
10 में से नौ आवास अधूरा पड़ा है, जबकि एक आवास का निर्माण कार्य अब तक शुरू भी नहीं किया गया है. इससे कोरबा परिवार के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.कोरबा परिवार के लोग टूटे-फूटे घर में रहने को विवश हैं. कोरबा परिवार के लोगों का कहना है कि आइटीडीए के माध्यम से आवास निर्माण हो रहा है, जिसे जनसेवक सिलवेस्तर डुंगडुंग द्वारा कराया जा रहा था. जनसेवक की लापरवाही के कारण आवास निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. कोरबा परिवारों का कहना है कि कई बार जनसेवक से मुलाकात की, किंतु उनके द्वारा टालमटोल की नीति अपनायी जा रही है.
इस संबंध में पंचायत के मुखिया सुमीरा लकड़ा ने कहा कि कई बार जनसेवक को निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया, किंतु निर्माण कार्य पूरा करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी. निर्माण कार्य करा रहे जन सेवक सिलवेस्तर डुुंगडुंग का कहना है कि आवास बनाने की जिम्मेवारी एक व्यक्ति को दी थी, किंतु वह ढाई लाख रुपये गबन कर लिया. जिस कारण आवास निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने का प्रयास किया जायेगा.
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