सरायकेला.
सरायकेला सिविल सर्जन कार्यालय में विश्व एड्स दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सिविल सर्जन सरयू प्रसाद सिंह ने कहा कि एचआइवी और एड्स दोनों अलग चीजें हैं. एचआइवी संक्रमण के कारण ही एड्स बीमारी होती है. सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने कहा कि एड्स अब भी लाइलाज बीमारी है, क्योंकि अब तक इसका पूर्ण उपचार विकसित नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय है जागरुकता है. सीएस ने वैश्विक और स्थानीय स्तर पर एचआइवी की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करना होगा, ताकि कोई भी एचआइवी संक्रमित व्यक्ति उपचार से वंचित न रह जाए. उन्होंने कहा कि अब समय है कि एड्स के खिलाफ प्रतिक्रिया को अधिक लचीला, न्यायसंगत और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया जाए. सिविल सर्जन ने स्वास्थ्यकर्मियों से गर्भवती की जांच प्रथम तिमाही में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. कार्यक्रम की शुरुआत सीएस ने दीप प्रज्ज्वलित कर की.एचआइवी पीड़ितों से भेदभाव न करें
सिविल सर्जन ने कहा कि एचआइवी या एड्स छूने या साथ बैठने से नहीं फैलता है. इसके संक्रमण के प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त चढ़ाना और एक ही सुई (निडिल) का बार-बार उपयोग करना है. उन्होंने लोगों से एचआइवी पीड़ितों के साथ भेदभाव न करने की अपील की.
एचआइवी के प्रति बढ़ाएं जागरुकता
सिविल सर्जन ने कहा कि हमारे समाज में अक्सर चौक-चौराहों या चाय की टपरी पर लोग अनर्गल बातचीत में समय व्यतीत करते हैं. अगर इन्हीं स्थानों पर एड्स और इसके बचाव के बारे में चर्चा की जाए, तो समाज में जागरुकता फैलायी जा सकती है और कई जिंदगियां बचायी जा सकती है. उन्होंने एचआइवी को लेकर नियमित जांच व जनजागरुकता फैलाने पर जोर दिया. कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास विभाग की ओर से नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से एचआइवी-एड्स के प्रति जागरुकता का संदेश दिया गया. कार्यक्रम में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीवी चौधरी, बाल संरक्षण पदाधिकारी, डीपीएम एवं सदर अस्पताल सरायकेला के अस्पताल प्रबंधक संजीत राय के साथ अस्पताल के पारा कर्मी मौजूद थे.
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