सरायकेला.
सरायकेला स्थित काशी साहू कॉलेज में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत विधिक जागरुकता शिविर आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव तौसीफ मेराज ने अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी और वरिष्ठ नागरिकों के वैधानिक अधिकारों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को भरण-पोषण का कानूनी अधिकार प्राप्त है तथा उनकी उपेक्षा या अवज्ञा करने पर अधिनियम के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है. सचिव मेराज ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों से संवाद करते हुए वृद्धजन सम्मान और देखभाल के महत्व पर चर्चा की तथा समाज में जागरुकता फैलाने की अपील की. महाविद्यालय के प्राचार्य कृष्ण प्यारे ने कहा कि समाज में बुजुर्गों की भलाई सर्वोपरि है. वहीं संकाय सदस्यों ने भी वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और सुरक्षा को सामाजिक दायित्व बताया. कार्यक्रम में पारा-विधिक स्वयंसेवक कुमुद रंजन, राजकुमार कैवर्त, सुषमा उरांव सहित अन्य पीएलवी उपस्थित थे.डीएलएसए सचिव ने वृद्धाश्रम का किया भ्रमण : कार्यक्रम के पश्चात डीएलएसए सचिव तौसीफ मेराज, एलएडीसी अधिवक्ता अम्बिका चरण पाणी और विजय कुमार महतो ने स्थानीय वृद्धाश्रम का भी भ्रमण किया. उन्होंने वहां रह रहे वृद्धजनों की समस्याएं सुनीं. समाधान के लिए आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया तथा उनके साथ समय बिताकर उन्हें मानसिक और सामाजिक सहयोग प्रदान किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

