सरायकेला. ग्रामीण क्षेत्रों में अब पांच हजार वर्गफुट या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले मकान या भवन का निर्माण बिना नक्शा पास कराये नहीं किया जा सकेगा. ऐसे निर्माण को अवैध भवन निर्माण की श्रेणी में रखा जायेगा और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बिना स्वीकृति के मनमाने ढंग से भवन निर्माण हो रहे हैं. इस पर रोक लगाने के लिए झारखंड बिल्डिंग बायलॉज 2016 के प्रावधानों को अब सख्ती से लागू किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पांच हजार वर्गफुट या उससे अधिक क्षेत्रफल के आरसीसी छत वाले भवनों के लिए नक्शा पास कराना जिला परिषद से अनिवार्य होगा. इच्छुक व्यक्ति इसके लिए ऑनलाइन बीपीएएमएस पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
2016 में बना अधिनियम, 2017 से लागू, अब होगी सख्ती:
बोदरा ने बताया कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 में ‘झारखंड बिल्डिंग बायलॉज 2016’ तैयार किया था, जिसे 2017 से लागू किया गया. इस अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पांच हजार वर्गफुट या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए नक्शा स्वीकृति अनिवार्य की गयी थी. उन्होंने कहा कि अब तक इस नियम का प्रभावी पालन नहीं हो पा रहा था और कई औद्योगिक कंपनियों एवं व्यक्तियों ने मनमाने ढंग से भवन निर्माण कर लिए थे. अब जिला परिषद ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है. अधिनियम के तहत बिना नक्शा पास किये बनाये गये भवनों को अवैध निर्माण माना जायेगा और उनके विरुद्ध नियमसम्मत कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

