खरसावां. खरसावां के आमदा में संचालित राजकीय पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों ने संस्थान के प्रभारी प्राचार्य पर लगाये गये आरोपों की जांच खरसावां सीओ कप्तान सिंकु ने की. जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दी गयी है. स्कूल के छात्र-छात्राओं ने पिछले दिनों उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव व उपायुक्त को पत्र सौंप मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी. इसी शिकायत पर सीओ ने सात जुलाई को मामले की जांच की.
जांच रिपोर्ट में ये मामले सामने आये
सीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया कि राजकीय पॉलिटेक्निक खरसावां का छात्रावास पूर्णरूप से जर्जर अवस्था में है. यह रहने लायक नहीं है. मरम्मत के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है. महिला छात्रावास का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद भी हैंडओवर नहीं किया गया है. वर्तमान में 32 छात्राएं चतुर्थवर्गीय आवास में रह कर पढ़ाई कर रही हैं. आंतरिक परीक्षा प्रक्रिया के तहत विद्यार्थियों को दो टेस्ट व दो असाइनमेंट की कॉपी खुद से खरीदनी पड़ी. सॉफ्ट कॉपी में त्रुटि के कारण सेमेस्टर परीक्षा के परिणाम की जानकारी विद्यार्थियों को नहीं दिखाया गया है. संस्थान में प्राचार्य व लिपिक ही सरकारी कर्मचारी हैं. तीन अनुबंध व 8 शिक्षक नीड बेस्ड पर पदस्थापित हैं. कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में शिक्षक का पद रिक्त होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन क्लास करने की सलाह दी गयी.विद्यार्थियों की शिकायतें
राजकीय पॉलिटेक्निक के छात्रों ने संस्थान के प्रभारी प्राचार्य डॉ उमेश कुमार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. शिकायत में आंतरिक परीक्षा में प्रयोग होने वाले पेज संस्था से न देकर सभी से हर विषय के लिए कॉफी खरीदवाने, सेमेस्टर एग्जाम का परिणाम संस्थान में आने के बाद भी नहीं बताने और न ही परिणाम को विद्यार्थियों के बीच दिखाने, कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लिए संस्थान में शिक्षक-शिक्षिका नहीं होने, प्राचार्य से शिक्षक के बारे में बात करने से महंगे ऑनलाइन कोर्स खरीदने के लिए यह कहना कि ऑनलाइन क्लास लेकर संस्थान में आकर पढ़ें, किसी भी परेशानी को लेकर छात्र- छात्राएं उनसे बात करने जाते हैं तो ठीक से पेश नहीं आने का आरोप लगाया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है