सरायकेला. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरायकेला सदर अस्पताल को अब धीरे-धीरे राहत मिलने लगी है. इसी कड़ी में अस्पताल में पहली बार मानसिक रोगियों के इलाज के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी कुमारी की पदस्थापना राज्य सरकार ने की है. नयी नियुक्त डॉ. शालिनी अब प्रतिदिन सदर अस्पताल, सरायकेला की ओपीडी में बैठकर मानसिक रोगियों का इलाज कर रही हैं. इससे सरायकेला-खरसावां जिले सहित आसपास के मरीजों को मानसिक उपचार के लिए अब जमशेदपुर या रांची जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा.
राज्य गठन के बाद पहली बार मिली नियुक्ति
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में सरायकेला अनुमंडल अस्पताल को उत्क्रमित कर सदर अस्पताल का दर्जा दिया गया था, परंतु अब तक यहां मानसिक रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं की गयी थी. पूर्व में दिव्यांग जांच शिविरों के लिए अस्पताल प्रबंधन को चांडिल से मानसिक रोग विशेषज्ञ को बुलाना पड़ता था. यह पहली बार है जब किसी मानसिक रोग चिकित्सक की नियमित पदस्थापना यहां हुई है.अब भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी
हालांकि, मानसिक रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति अस्पताल के लिए राहत की बात है, लेकिन अभी भी यहां चर्म रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, फॉरेंसिक एक्सपर्ट सहित कई महत्वपूर्ण विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि राज्य सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि शेष रिक्त पदों को भी शीघ्र भरा जाए, ताकि आम लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.कोट
राज्य सरकार द्वारा मानसिक रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना के बाद अब ओपीडी में नियमित रूप से मरीजों का इलाज हो रहा है. इससे जिले के लोगों को काफी राहत मिलेगी. -संजीत रॉय, अस्पताल प्रबंधनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

