सरायकेला.
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नौ प्रखंडों में मेगा विधिक सशक्तीकरण शिविर आयोजित किया. इनमें 39 हजार लाभुकों को 13.63 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति वितरित की गयीं. जिला मुख्यालय के सामुदायिक भवन में हुए मुख्य शिविर में 106 लाभुकों को 1 करोड़ 3 लाख 63 हजार रुपये के लाभ दिये गये. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला एवं सेशन जज चौधरी अहसान मोइज, सीजेएम लूसी सोरेन तिग्गा, डीडीसी रीना हांसदा व बार सचिव देवाशीष ज्योतिषी उपस्थित थे. एडीजे चौधरी ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की संरचना, उद्देश्य व निःशुल्क सहायता पर प्रकाश डाला. पूर्व-गिरफ्तारी/बाद अधिकारों व रिमांड में संवैधानिक सुरक्षा पर जोर दिया. यह भी कहा कि रिमांड कार्यवाही के दौरान न्यायिक अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे अभियुक्तों से उनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों से संबंधित अनिवार्य प्रश्न पूछें, ताकि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन न हो. डीडीसी रीना हांसदा ने तकनीक से शासन पहुंच व योजनाओं की जागरुकता पर बल दिया. बार सचिव ने पैनल वकील (पीएलवी) की भूमिका बतायी. संचालन बीडीओ साधुचरण देवगम ने किया.शिविर में मिले ये लाभ
कानूनी अधिकारों की जानकारी के साथ फूलो-झानो आशीर्वाद योजना, मुद्रा लोन, चाइल्ड केयर लीव, जाति/आय प्रमाण पत्र, सामाजिक सुरक्षा योजना, मनरेगा जॉब कार्ड, दिव्यांगों को व्हीलचेयर व किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये.
13 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत
एडीजे चौधरी ने बताया कि मासिक लोक अदालतों के अलावा 13 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत लगेगी. लोगों से त्वरित न्याय का लाभ उठाने की अपील की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

