सरायकेला.
सरायकेला जिले के कुचाई प्रखंड के बड़ाचाकड़ी गांव में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाये जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 642 ग्रामीणों ने दवा खाने से इनकार कर दिया. ग्रामीणों का कहना था कि जब उन्हें हाथीपांव (फाइलेरिया) जैसी बीमारी नहीं है, तो वे दवा क्यों खाएं. ग्रामीणों के इनकार की सूचना पर सुपरवाइजर ने जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सुजीत कुमार मुर्मू को दी. सूचना मिलते ही डॉ. मुर्मू सोमवार की रात बड़ाचाकड़ी गांव पहुंचे. वहां उन्होंने पंचायत के मुखिया देवचरण हाइबुरु और ग्राम प्रधान सितंबर गुंदुआ की मदद से ग्रामीणों की बैठक बुलाई. बैठक में डॉ. मुर्मू ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए फाइलेरिया से संबंधित वीडियो दिखाए और विस्तार से समझाया कि इस बीमारी के लक्षण 15 साल बाद भी दिखायी दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि अभी लक्षण न दिखने का मतलब यह नहीं है कि शरीर में संक्रमण नहीं है. यदि समय पर दवा का सेवन नहीं किया गया, तो भविष्य में बीमारी गंभीर रूप ले सकती है और उस समय इसका इलाज संभव नहीं होगा. डीएमओ के समझाने के बाद ग्रामीण जागरूक हुए और रात में ही सभी लोगों को उनकी ऊंचाई के अनुसार फाइलेरिया की दवा खिलायी गयी. मौके पर एमपीडब्ल्यू कैलाश महतो, विकास गोप सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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