Champai Soren| सरायकेला, (शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने अवैध घुसपैठ और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. सरायकेला में प्रभात खबर से खास बातचीत में चंपाई सोरेन ने राज्य सरकार पर नि शाना साधते हुए कहा, झारखंड अवैध घुसपैठियों का गढ़ बन गया है. बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण संथाल में आदिवासी-मूलवासियों की संख्या लगातार घट रही है. दूसरी ओर राज्य सरकार आंखों में पट्टी बांध कर घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है.
अवैध घुसपैठियों का गढ़ बन चुका है झारखंड – चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन ने कहा कुछ दिनों पूर्व ही मुंबई पुलिस ने 13 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से साहिबगंज के पते पर बने फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं. इन सभी के आधार कार्ड में 1 जनवरी की जन्मतिथि दर्ज है. पाकुड़ और साहिबगंज जैसे इलाकों में आदिवासी समाज अल्पसंख्यक बन चुका है. लेकिन, सत्ता के मद में चूर इस अंधी-बहरी सरकार को कुछ भी दिखाई या सुनाई नहीं देता है. हमने पहले भी कहा था कि बंगाल के बाद झारखंड इन अवैध घुसपैठियों का गढ़ बन चुका है. झारखंड में स्थानीय प्रशासन घुसपैठियों पर हाथ डालने से डरता है. सरकारी अधिकारी उनके समर्थन में फर्जी एफिडेविट फाइल करते हैं. इतना ही नहीं जब हाई कोर्ट मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का आदेश देता है तो, राज्य सरकार उस आदेश को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली जाती है.
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घुसपैठियों को झारखंड में मिल रहा फर्जी डॉक्यूमेंट – चंपाई सोरेन
पिछले हफ्ते चाकुलिया में एक समुदाय विशेष के तीन हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने की खबर मिली थी. चंपाई सोरेन ने कहा इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि मुर्शिदाबाद की तर्ज पर अवैध घुसपैठियों को झारखंड में फर्जी डॉक्यूमेंट बना कर दिए जा रहे हैं. लेकिन, घुसपैठ के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. झारखंड में बांग्ला देशियों को पनपने नहीं देंगे आने वाले दिनों में झारखंडी अस्मिता को बचाने के लिये बृहद पैमाने पर आंदोलन खड़ा करेंगे. आदिवासी-मुलवासियों के बीच जा कर सबको एकजुट करेंगे.
चंपाई सोरेन ने सरकार पर उठायें गंभीर सवाल
चंपाई सोरेन ने सरकार से सवाल किया कि आखिर तथाकथित अबुआ सरकार इन घुसपैठियों को संरक्षण क्यों दे रही है? क्या आदिवासियों और मूलवासियों को दरकिनार कर इन्हीं घुसपैठियों को बचाने या बसाने के लिए अलग झारखंड राज्य बना था? क्या कोई सत्ता और वोट बैंक के लिए इस हद तक गिर सकता है कि अपने ही लोगों को नकार कर, इन देश-विरोधी विदेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है?
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