खरसावां.
सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है. प्रखंड में कुल 138 विद्यालय संचालित हैं, लेकिन इनमें से 59 विद्यालय ऐसे हैं जहां केवल एक-एक शिक्षक पदस्थापित हैं. इन ‘एकल शिक्षकीय विद्यालयों’ में बच्चों की पढ़ाई से लेकर कार्यालय से जुड़े सभी कार्यों की जिम्मेदारी अकेले शिक्षक पर ही है.सभी कक्षाओं की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर
कुचाई प्रखंड के 59 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 56 विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाई होती है, जबकि यूएमएस जोमरो, कुदाडीह और बिजार में कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा दी जाती है. इन स्कूलों में कुल 1926 बच्चे नामांकित हैं, जिनकी शिक्षा केवल एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रही है. एक ही शिक्षक को सभी कक्षाओं के बच्चों को अलग-अलग विषय पढ़ाने पड़ते हैं, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ रहा है. साथ ही, कार्यालयी कार्यों या प्रखंड संसाधन केंद्र जाने की मजबूरी में स्कूल का संचालन प्रभावित होता है.एकल शिक्षकीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों को छुट्टी लेने में भी कठिनाई होती है. किसी शिक्षक के छुट्टी पर रहने या बीमार होने की स्थिति में पास के स्कूल के शिक्षक को प्रतिनियोजित कर विद्यालय चलाया जाता है. ऐसे शिक्षकों पर पढ़ाई के साथ-साथ मिड-डे मील व्यवस्था, दस्तावेजी कार्य और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का भी बोझ रहता है. इन स्कूलों में ज्यादातर बच्चे गरीब और वंचित समुदायों से आते हैं, जिससे शिक्षा प्रभावित होने की आशंका और बढ़ जाती है.
कुचाई प्रखंड में शिक्षकों की भारी कमी
हाल ही में जिले में हुए स्थानांतरण के बाद कुचाई प्रखंड में शिक्षकों की कमी और बढ़ गयी है. वर्तमान में प्रखंड के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में 83 सरकारी शिक्षक और 180 सहायक (पारा) शिक्षक कार्यरत हैं. हालांकि, उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर बतायी जा रही है.
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