सरायकेला : जिला समाहरणालय में डीसी छवि रंजन की अध्यक्षता में खनन टास्क फोर्स की बैठक हुई. बैठक में अवैध रूप से खनन व परिवहन पर अंकुश लगाने व जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा छापामारी अभियान चलाने का निर्देश दिया गया. डीसी ने कहा कि सड़क पर आयरन ओर या कोयला लदे वाहन बिना ढंके आवागमन नहीं करें,
ताकि राहगीरों को परेशानी नहीं हो. जिला परिवहन पदाधिकारी रात्रि में आयरन ओर सहित अन्य खनिजों की ढुलाई करने वालों की जांच करें. साथ ही सभी पत्थर खनन की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि अवैध खनन तो नहीं हो रहा है. डीसी ने जिला के दोनों अनुमंडल के एसडीओ को निर्देश दिया कि प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी एवं खनन पदाधिकारी के साथ मिलकर औद्योगिक इकाई से निकलने वाली छाई व दूषित पानी का डंप कहां हो रहा है, कोई किसान इससे प्रभावित तो नहीं हो रहा है, इसकी भी जांच करें. साथ ही कंपनियों में लगे इफ्लुएंच ट्रीटमेंट प्लांट (इटीपी) की भी जांच करें.
सात आश्रितों को मिलेगा नौकरी : उपायुक्त कार्यालय कक्ष में उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में नक्सल हिंसा में मारे गये लोगों को मुआवजा व नौकरी देने को लेकर बैठक हुई. बताया गया कि नक्सल हिंसा में सात सामान्य नागरिक मारे गये हैं. उनके आश्रितों को एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि व नौकरी के लिए अनुशंसा करने पर विचार किया गया. बताया गया कि एक आश्रित रिम्पा डे को नौकरी मिल गयी है जबकि छह मृत्तकों के आश्रितों को नौकरी के लिए अनुशंसा की जायेगी. सामान्य शाखा के उप समाहर्ता पारस नाथ यादव ने बताया कि 17 दिसंबर 2010 को उग्रवादी हिंसा में मारे गये मुकुंद सिंह की पत्नी अष्टमी देवी, 6 दिसंबर 2014 को मारे गये अमित कर्मकार की पत्नी मनीषा देवी, 19 नवंबर 2015 को मारे गये जुरेंद्र सिंह मुंडा की पत्नी मुनी मुंडाईन, 19 दिसंबर 2014 को मरे गये कालीचरण मुंडा की पत्नी सुनीया मुंडाईन का नाम नौकरी के लिए अनुशंसा की गयी है. 19 अप्रैल 2008 को मारे गये मोबारिक खान के भाई का नाम नौकरी के लिए अनुशंसा कर दी गयी है जबकि मृतक के पिता शरीफ खान का नाम अनुग्रह अनुदान के लिए अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया.15 नवंबर 2016 को नक्सली हिंसा में मारे गये योगेश कुमार मिश्रा की पत्नी मधुमिता मिश्रा का नाम भी नौकरी व अनुग्रह अनुदान के लिए अनुशंसा की जायेगी.
जिले में नहीं है खाद की किल्लत:जिले में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. किसान संबंधित लैंपस या निबंधित खाद दुकान से खाद की खरीद कर अपने खेतों में छिड़काव कर सकते है. यह बात उपायुक्त छवि रंजन ने कही.