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सूबे में 2700 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य

खरसावां. रेशम-हस्तकरघा के निदेशक दीपांकर पंडा ने की समीक्षा बैठक तसर उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में सबसे अधिक कोल्हान का योगदान कीटपालकों को बीजागार, कोकून बैंक की सुविधा मिलेगी किसान मित्र के तर्ज पर रेशम दूतों को मानदेय देने पर विभाग कर रहा है विचार खरसावां : खरसावां के अग्र परियोजना केंद्र परिसर […]

खरसावां. रेशम-हस्तकरघा के निदेशक दीपांकर पंडा ने की समीक्षा बैठक

तसर उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में सबसे अधिक कोल्हान का योगदान
कीटपालकों को बीजागार, कोकून बैंक की सुविधा मिलेगी
किसान मित्र के तर्ज पर रेशम दूतों को मानदेय देने पर विभाग कर रहा है विचार
खरसावां : खरसावां के अग्र परियोजना केंद्र परिसर में रेशम, हस्तकरघा व हस्तशिल्प निदेशालय के दीपांकर पंडा ने कोल्हान प्रक्षेत्र की समीक्षा बैठक की. बैठक में विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की समीक्षा की गयी तथा कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. बैठक के पश्चात दीपांकर पंडा ने बताया कि राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में 2700 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने में कोल्हान को सबसे अधिक तसर उत्पादन करना है.
पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 2600 मीट्रिक टन तसर का उत्पादन किया गया था. श्री पंडा ने कहा कि बेसिक सीड के उत्पादन के लिए सक्रिय कीटपालकों के केंद्र में एक-एक बीजागार बनाने तथा किसान मित्र के तर्ज पर सक्रिय रेशम दूतों को भी मानदेय देने पर विभाग विचार कर रहा है. रेशम दूतों को कोकून बैंक की भी सुविधा दी जायेगी. उन्होंने कोल्हान के सभी अग्र परियोजना पदाधिकारियों (पीपीओ) से अपने-अपने क्षेत्र में सर्वे कर जल्द से जल्द नये रेशम दूतों की संख्या बढ़ाने व निष्क्रिय रेशम दूतों को सक्रिय करने का निर्देश दिया.
श्री पंडा ने कहा कि रेशम दूतों की आमदानी बढ़ाने पर भी जोर दिया. कहा कि रेशम निदेशालय के निदेशक दीपांकर पंडा ने सभी पीपीओ को अपने कमांड क्षेत्र में रेशम दूत, बीज कीटपालक, वाणिज्यिक कीटपालक, तसर किसान की सूची प्रपत्र में सलग्न करने, सामान्य सुलभ केंद्रों के संचालन संबंधी प्रस्ताव, कोकून बैंक की अध्यतन स्थिति व निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन संबंधी संभावनाएं व प्रस्ताव तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. सभी धागाकरण केंद्रों को चालू करने तथा उन्नत किस्म का बीज उत्पादन करने का निर्देश दिया गया.
प्रशिक्षण केंद्र का किया निरीक्षण
रेशम निदेशालय के निदेशक दीपांकर पंडा ने खरसावां पीपीसी ने 90 महिलाओं को दी जा रही रिलींग-स्पीनिंग प्रशिक्षण का भी जायजा लिया. खरसावां-कुचाई की 240 महिलाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाना है. फिलहाल 90 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
बैठक में ये अधिकारी थे उपस्थित
समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से रेशम, हस्तकरघा व हस्तशिल्प निदेशालय के निदेशक दीपांकर पंडा, संयुक्त निदेशक (रेशम) पीके चौधरी, पीपीओ कोल्हान निदेशक अनिल सिंह, खरसावां पीपीसी के सहायक अधीक्षक प्रदीप महतो, भरभरिया पीपीओ पी अशोक, चाईबासा पीपीओ जगदीश प्रसाद सिंह, चक्रधरपुर पीपीओ विनोद सिन्हा, चांडिल पीपीओ श्रवण कुमार, घाटशिला व चाकुलिया पीपीओ केके यादव, हाटगम्हरिया पीपीओ अनूपम कुमार सिन्हा, बंदगांव पीपीओ मीनाक्षी कुमारी उपस्थित थे.

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