बरहरवा. जोला नाला के ऊपर ढलाई करके बनाया गया अंडरपास बरहरवा नगर क्षेत्रवासियों के लिए जी का जंजाल बन गया है. पिछले एक माह से हर 2 घंटे के लगातार बारिश के बाद अंडरपास में जल जमाव हो जाता है. जिसके बाद नगर पंचायत एवं रेलवे के सहयोग से पंपिंग सेट लगाकर पानी को निकाला जाता है. इस दौरान शहर की ट्रैफिक दोनों तरफ बाधित हो जाती है. आवागमन ठप्प हो जाने के कारण जनजीवन प्रभावित होता है क्योंकि बरहरवा रेलवे फाटक बंद होने के बाद शहर के दोनों साइड के लोगों को आगमन करने के लिए एकमात्र रास्ता यह अंडर पास ही है, क्योंकि लबदा गांव के पास जो फ्लाईओवर प्रस्तावित है उसका भूमि विवाद के कारण अभी तक काम भी शुरू नहीं हुआ है. अब ऐसे में बरहरवा के लोग यह कर रहे हैं कि यह अंडर पास रास्ता हमारे लिए जी का जंजाल बन गया है, क्योंकि जब भी लगातार बारिश होती है तब यह जोला नाला का अंडरपास रास्ता भर जाता है. दूसरी तरफ अंडरपास के दोनों तरफ का रास्ता भी काफी संकरा है. इस कारण वहां भी वाहनों को अपनी दिशा की ओर घूमने में काफी दिक्कत होती है. क्या कहते हैं नगर के पदाधिकारी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि बरसात के बाद अंडर पास में जलजमाव होते ही नपं के द्वारा जल निकासी करवाकर आवागमन सुचारू किया जाता है. इसके लिए संबंधित कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. रेलवे फाटक को खोलने के लिए कई बार किया पत्राचार – श्यामल दास नगर पंचायत के निवर्तमान नपं अध्यक्ष श्यामल दास ने कहा कि मालदा रेल मंडल अंतर्गत बरहरवा रेल फाटक एलसी गेट नंबर 19 को खोलने के लिए रेलवे के अधिकारियों को लगातार पत्राचार किया जा रहा है. सितंबर 2024 में तत्कालीन अंचलाधिकारी के द्वारा रेलवे फाटक बंद करने के लिए उपायुक्त के माध्यम से रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसके आलोक में साहिबगंज उपायुक्त ने रेलवे को एनओसी दे दिया. उसके बाद रेलवे ने यह रेलवे फाटक को बंद कर दिया. अब फाटक बंद हो गया है तो यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हम लोग प्रशासन से भी मांग कर रहे हैं कि रेलवे को जो एनओसी दिया गया है उसे तुरंत रद्द किया जाए और रेलवे को भी पत्र लिखा जाए ताकि यह रेल फाटक फिर से खुल सके. जब तक बरहरवा के लोगों के लिए फ्लाई ओवर नहीं बन जाता, तब तक इसे खोला जाना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है