दरगाडांगा विद्यालय की दुर्दशा पर उठे सवाल प्रतिनिधि, उधवा. पतौड़ा पंचायत के दरगाडांगा गांव के उर्दू प्रावि जहां बच्चों की पढ़ाई एक शिक्षक के भरोसे चल रही है. यह स्थिति न केवल शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि सैकड़ों बच्चों के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करती है. विद्यालय की कक्षा एक से पांचवीं तक कुल 414 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. इनमें कक्षा एक में 82, कक्षा दो में 70, कक्षा तीन में 94, कक्षा चार में 88 और कक्षा पांच में 80 बच्चे शामिल हैं. इतने बड़े छात्रसंख्या वाले विद्यालय में मात्र एक शिक्षक के भरोसे पठन-पाठन कार्य संचालित हो रहा है. विद्यालय के सचिव मो नासिर बताते हैं कि विद्यालय का भवन पहले जर्जर अवस्था में था. कई बार वरीय पदाधिकारियों को लिखित सूचना देने के बाद अब जाकर नया भवन बन पाया है. लेकिन भवन निर्माण के बाद भी सबसे बड़ी जरूरत एक नहीं, बल्कि कई नियमित शिक्षकों की है. एकल शिक्षक के कारण न केवल पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि मध्याह्न भोजन रिपोर्ट, छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति, ई-कल्याण रिपोर्ट, यू-डाइस प्लस जैसे प्रशासनिक कार्यों का बोझ भी उसी एक शिक्षक पर है. ग्रामीणों का कहना है कि दरगाडांगा एक घनी आबादी वाला गांव है. यहां बच्चों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक की कमी के कारण कई अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन दूसरे गांव के विद्यालयों में कराने को मजबूर हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव के सौ से अधिक बच्चों का नामांकन अन्य विद्यालयों में हो चुका है. क्या कहते हैं विद्यालय के सचिव एकल शिक्षक विद्यालय होने से मध्याह्न भोजन रिपोर्ट, छात्रों का अनलाइन उपस्थिति, ई – कल्याण रिपोर्ट, यू डाइस प्लस सहित अन्य ऑफिशियल कार्य करने के साथ साथ बच्चों का पठन – पाठन करने में परेशानी होती है. विद्यालय में अतिरिक्त शिक्षक के लिए विभाग को जानकारी दी गयी है. मो नासिर, सचिव, उर्दू प्राथमिक विद्यालय, दरगाडांगा क्या कहते हैं पदाधिकारी सहायक आचार्य की बहाली प्रक्रिया में है.प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षक विहीन विद्यालयो में प्राथमिकता देते हुए शिक्षक दिया जाएगा. अटल बिहारी भगत, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी,उधवा
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

