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साहिबगंज स्टेशन पर लिफ्ट फेल, पुल अधूरा और यात्रियों की जान जोखिम में

साहिबगंज स्टेशन पर आठ माह से चल रहा लिफ्ट का निर्माण कार्य, प्लेटफाॅर्म बदलने में छूट रही ट्रेनें, मजबूरी में रेल ट्रैक पार कर रहे यात्री

साहिबगंज. मालदा रेल मंडल के अंतर्गत साहिबगंज रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक और भव्य बनाने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा अमृत भारत योजना सहित विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विस्तार कार्य तेज़ी से चलने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे अलग दिखायी देती है. पिछले लगभग आठ महीनों से जारी निर्माण कार्य के कारण यात्रियों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं और विकास की आड़ में उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म नंबर 1, 2 और 3 को जोड़ने वाला फुटओवर ब्रिज अब तक अधूरा है, जिससे यात्रियों को एक प्लेटफाॅर्म से दूसरे प्लेटफाॅर्म पर जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. खासकर तब, जब ट्रेन का समय नजदीक हो और यात्री महिलाओं, बच्चों या भारी सामान के साथ हों, तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. कई बार केवल प्लेटफाॅर्म बदलने में देरी के कारण यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है. समस्या यहीं तक सीमित नहीं है. स्टेशन के पूर्वी छोर पर लगी लिफ्ट अक्सर खराब रहती है. यात्रियों का कहना है कि वे जब वहां पहुंचते हैं तो लिफ्ट बंद मिलती है और उन्हें मजबूरी में काफी दूर पश्चिमी छोर की ओर जाना पड़ता है. इस अतिरिक्त दूरी और समय के कारण बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांग यात्रियों और बच्चों के साथ सफर करने वालों को अत्यधिक परेशानी उठानी पड़ती है.

हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई यात्री ट्रेन छूटने के डर से जान जोखिम में डालकर रेल पटरियां पार करने को मजबूर हो रहे हैं. आए दिन बच्चे गोद में उठाकर यात्रियों को पटरियों के बीच से प्लेटफाॅर्म बदलते देखा जा सकता है. यह न केवल रेलवे नियमों का उल्लंघन है, बल्कि किसी बड़े हादसे को खुला न्योता देने जैसा है. स्थिति तब और भयावह हो जाती है, जब मेन लाइन में मालगाड़ी खड़ी रहती है और दूसरी प्लेटफार्म पर ट्रेन आ जाती है, जिससे प्लेटफाॅर्म बदलना लगभग असंभव हो जाता है.

यात्रियों का आरोप है कि ऐसे हालात में न तो सहायता केंद्र सक्रिय रहता है और न ही रेलवे प्रशासन की ओर से समय पर कोई स्पष्ट अनाउंसमेंट किया जाता है. नियमित यात्रियों का कहना है कि विकास कार्य आवश्यक और स्वागतयोग्य है, लेकिन निर्माण की धीमी गति और वैकल्पिक व्यवस्थाओं की कमी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से समझौता कर रही है. यात्रियों ने सुझाव दिया है कि जब तक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक अधिकतर ट्रेनों का संचालन प्लेटफाॅर्म नंबर-1 से किया जाए. साथ ही लिफ्ट की नियमित जांच, त्वरित मरम्मत और खराब होने की स्थिति में स्पष्ट सूचना की व्यवस्था की मांग की जा रही है. फिलहाल साहिबगंज स्टेशन पर विकास के दावों के बीच यात्री रोज़ाना अव्यवस्था, जोखिम और असुविधा झेलने को मजबूर हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका को जन्म दे रहा है.

क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधक :

रेलवे द्वारा बड़े पैमाने पर विकास कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य के कारण यात्रियों को कुछ असुविधा जरूर हो रही है, लेकिन यह अस्थायी है. बहुत जल्द लंबित कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और यात्रियों को बेहतर एवं सुरक्षित सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी.

– गुड्डू साह, स्टेशन प्रबंधक, साहिबगंज.

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