साहिबगंज केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के नाम व स्वरूप में बदलाव कर कथित रूप से “वीबी जी रामजी योजना” लागू करने की तैयारी के विरोध में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ओर से शनिवार को जिला मुख्यालय के स्टेशन चौक पर धरना दिया गया. अध्यक्षता झामुमो जिला अध्यक्ष अरुण सिंह ने की. इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि एवं समर्थक मौजूद थे. धरना स्थल पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. जिला अध्यक्ष अरुण सिंह ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों, मजदूरों और बेरोजगारों के लिए जीवनरेखा है. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी देती है. पलायन रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार योजनाबद्ध तरीके से मनरेगा को कमजोर कर गरीब मजदूरों का हक छीनना चाहती है. पहले नाम बदलने की कोशिश की जा रही है और अब वित्तीय व तकनीकी प्रक्रिया को जटिल बनाकर मजदूरों तक लाभ पहुंचने में बाधा खड़ी की जा रही है. झामुमो जिला सचिव सुरेश टुडू ने कहा कि मनरेगा में “एम” का अर्थ महात्मा गांधी है, जो सत्य और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं. उनके नाम से छेड़छाड़ करना केवल योजना नहीं, बल्कि विचारधारा पर हमला है. राजमहल विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद मारूफ उर्फ गुड्डू ने कहा कि देश गंभीर बेरोजगारी से जूझ रहा है, लेकिन रोजगार बढ़ाने की बजाय केंद्र सरकार रोजगार देने वाली योजनाओं को कमजोर कर रही है. जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका किस्कू ने कहा कि झारखंड सरकार और झामुमो इस तरह के नामकरण और शर्तों को स्वीकार नहीं करेगी. धरना के बाद शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. झामुमो नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मनरेगा के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गयी तो आंदोलन को राज्य से राष्ट्रीय स्तर तक तेज किया जायेगा. मौके पर केंद्रीय समिति सदस्य अमरनाथ यादव, अखलाकुर रहमान, जिला उपाध्यक्ष मुजम्मिल हक, जंग बहादुर सिंह, जिला परिषद सदस्य बारीक शेख, मो अली अंसारी, बर्नाड मरांडी, गुरु हेंब्रम, मो शाहबाज, बाबू दा, अनीसुर रहमान समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.
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