साहिबगंज जिले में कृषि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, किसानों तक समयबद्ध लाभ पहुंचाने और राज्य स्तर पर साहिबगंज की उपलब्धियों को और मजबूत करने के उद्देश्य से सोमवार को कृषि निदेशक भोरसिंह यादव की अध्यक्षता में कृषि एवं आत्मा योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक हुई. इसमें साहिबगंज जिले में कार्यरत सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक बीटीएम एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक एटीएम उपस्थित रहे. बैठक की शुरुआत में जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद कुमार एक्का ने जिले में संचालित प्रमुख कृषि योजनाओं की प्रगति से कृषि निदेशक को अवगत कराया. इसमें बीज विनिमय एवं वितरण योजना, बिरसा फसल विस्तार योजना, किसान क्रेडिट कार्ड मिट्टी नमूना संग्रह, झारखंड कृषि ऋण माफी योजना, पीडीएमसी, डिजिटल क्रॉप सर्वे, किसान समृद्धि योजना व एनएफएसएनएम योजनाएं शामिल रहीं. इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को बेहतर बीज, आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता और उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के प्रयासों की समीक्षा की गयी. बैठक में यह भी बताया गया कि साहिबगंज जिला कृषि प्रधान जिला के रूप में पहचान बना चुकी है. चालू वर्ष में बीज वितरण के क्षेत्र में राज्य स्तर पर छठा स्थान हासिल किया है. कृषि निदेशक ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह जिले के अधिकारियों और कर्मियों के सतत प्रयासों का परिणाम है, लेकिन आने वाले समय में इस प्रदर्शन को और बेहतर करने की आवश्यकता है, ताकि साहिबगंज को अग्रणी जिलों की श्रेणी में लाया जा सके. कृषि निदेशक ने केंद्र प्रायोजित ‘प्रति बूँद अधिक फसल योजना’ की प्रगति की भी समीक्षा की. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीटीएम एवं एटीएम अपने-अपने प्रखंडों में लंबित आवेदनों का अविलंब निष्पादित करें. कहा कि योजनाओं में देरी से किसानों को नुकसान होता है. विभाग की छवि भी प्रभावित होता है. इसलिए समयबद्ध निष्पादन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. आत्मा अंतर्गत किसान समृद्धि योजना की समीक्षा के दौरान सोलर पंप अधिष्ठापन को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए. कृषि निदेशक ने संबंधित प्रखंडों के बीटीएम और एटीएम को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करें, किसानों को योजना की जानकारी दें. अधिक से अधिक पात्र किसानों को इससे आच्छादित करें. साथ ही, लक्ष्य के अनुरूप प्रत्येक प्रखंडों में सोलर पंप का अधिष्ठापन सुनिश्चित करें. कहा कि सोलर पंप से सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ होगी, डीजल पर निर्भरता घटेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी. बैठक में फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रमों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. कृषि निदेशक ने निर्देश दिया कि जिन संकुलों का चयन कर बीज का वितरण किया गया है, वहां फसल की स्थिति का नियमित निरीक्षण किया जाए. उत्पादन एवं उत्पादकता से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया जाए. इससे योजनाओं के वास्तविक प्रभाव का आकलन संभव होगा. भविष्य की कृषि रणनीति को वैज्ञानिक आधार पर मजबूत किया जा सकेगा. कृषि निदेशक ने विभागीय व्यय की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि विभाग के व्यय में अविलंब वृद्धि की जाए. कहा कि समय पर बजट का उपयोग न होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं, इसलिए सभी योजनाओं में वित्तीय प्रगति के साथ-साथ भौतिक प्रगति भी सुनिश्चित की जाए. अंत में कृषि निदेशक ने कहा कि साहिबगंज जिला ने कृषि क्षेत्र में जो पहचान बनाई है, उसे और सुदृढ़ करने की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों और कर्मियों की है. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का, जिला योजना एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अरुण कुमार भोगता, उप परियोजना निदेशक आत्मा मंटू कुमार आदि ने भाग लिया.
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