उधवा की उत्तरी सरफराजगंज में ग्रामीणों ने किया संवाद, कहा प्रतिनिधि, उधवा प्रखंड क्षेत्र के उत्तरी सरफराजगंज पंचायत के किसानों की समस्याओं को समझने के लिए मंगलवार को गांव के बहियार स्थित पक्के चबूतरे पर किसानों के बीच प्रभात खबर पाठक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में किसानों से उनकी कृषि संबंधी समस्याओं और उनके संभावित समाधान पर चर्चा की गयी. गौरतलब है कि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के बावजूद किसानों को आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. कार्यक्रम के दौरान किसानों ने बताया कि सरफराजगंज मौजा में सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि उपलब्ध है, जहां सालभर खेती की जा सकती है. कृषि ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है, और उधवा प्रखंड के अधिकांश लोग इसी पर निर्भर हैं. हालांकि, सबसे बड़ी समस्या यह है कि खेतों तक आसानी से पानी नहीं पहुंच पाता, जिससे वे उचित तरीके से खेती नहीं कर पाते. किसानों का कहना है कि यदि पाइपलाइन, बोरिंग आदि के माध्यम से उनके खेतों तक पानी की सुविधा उपलब्ध हो जाए, तो वे सालभर में तीन फसलें उपजा सकते हैं. कुछ क्षेत्रों में छोटे-छोटे तालाब भी हैं, जिनसे किसान पाइपलाइन के जरिए अपने खेतों तक पानी पहुंचाते हैं. लेकिन गर्मी के मौसम में जब तालाब पूरी तरह सूख जाते हैं, तो खेती करना असंभव हो जाता है. किसानों का मानना है कि यदि सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो, तो वे उन्नत खेती कर सकते हैं. इसके लिए सरकार और संबंधित विभागों को आवश्यक कदम उठाने होंगे. ——————————– कहते हैं कृषक ग्रामीण.
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
फोटो नं 04 एसबीजी 34 है
कैप्शन – मंगलवार को समीर बर्मन
सभी तरह की फसल होती हैं. यहां धान, गेहूं, पटसन, सब्जियां सहित अन्य लगभग सभी प्रकार की फसलें होती हैं, परंतु नियमित रूप से पानी नहीं मिलने से किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
समीर बर्मन, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 35 है
कैप्शन – मंगलवार को ओम प्रकाश मंडल
किसानों के पानी पीने के लिए चापाकल भी बनवाना चाहिए, ताकि उन्हें खेती के दौरान पीने योग्य पानी घर से नहीं लाना पड़े. चापाकल बनने से किसानों व राहगीरों की प्यास बुझेगी.
ओम प्रकाश मंडल, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 36 है
कैप्शन – मंगलवार को राजन मंडल
कुछ-कुछ जगहों पर सिंचाई कूप बने हैं. यदि उन सिंचाई कूपों तक बिजली आपूर्ति पहुंच जाए, तो खेतों में पानी देने में सुविधा होगी. विभाग को इस पर पहल करनी चाहिए.
राजन मंडल, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 37 है
कैप्शन – मंगलवार को सतीश मंडल
माठ में साल भर पानी बना रहे, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. अधिकांश जगहों पर छोटे-छोटे तालाब, सिंचाई कुएं आदि बनाए जाने चाहिए, ताकि पानी की कमी न हो.
सतीश मंडल, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 38 है
कैप्शन – मंगलवार को अमरनाथ मंडल
उत्तरी सरफराजगंज की माठ में पानी की व्यवस्था नहीं होने से उपज नियमित रूप से नहीं हो पाती है. यदि पानी मिले, तो हम लोग नियमित रूप से खेती कर सकते हैं.
अमरनाथ मंडल, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 39 है
कैप्शन – मंगलवार को बबलू साहा
यहां से महज डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर उदय नाला (गंगा नदी) है. यदि उदय नाला का पानी यहां तक पहुंचाया जाए, तो एक साल में तीन फसलें उगाई जा सकती हैं.
बबलू साहा, कृषक
—
फोटो नं 04 एसबीजी 40 है
कैप्शन – मंगलवार को राहुल मंडल
भारत एक कृषि प्रधान देश है. यदि किसानों को कृषि के लिए सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तो वे खेती कैसे करेंगे? यहां पानी की समस्या के कारण साल में केवल दो ही फसलें हो पाती हैं. यदि पानी उपलब्ध हो जाए, तो किसान सालभर फसल उगा सकते हैं.
राहुल मंडल, कृषक
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है