सुनील ठाकुर /इमरान झारखंड की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर राज्यभर में विकास यात्रा का मूल्यांकन हो रहा है. इसी क्रम में चैती रोड स्थित एनआरपी सेंटर स्कूल में एक गोष्ठी आयोजित की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मनोज झा ने की और मंच संचालन डॉ सच्चिदानंद मिश्र ने किया. गोष्ठी में जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, पर्यावरणविदों और आम नागरिकों ने अपने विचार रखे. सभी वक्ताओं ने कहा कि बीते वर्षों में साहिबगंज जिला अपनी उपलब्धियों, बदलती सूरत और राष्ट्रीय स्तर पर बनती पहचान के कारण विशेष चर्चा में है. राजमहल की ऐतिहासिक पहाड़ियों से लेकर उधवा पक्षी अभ्यारण की अंतरराष्ट्रीय ख्याति तक, मल्टीमॉडल पोर्ट से लेकर अमृत भारत स्टेशन योजना तक जिले में कई परिवर्तन हुए हैं जिन्होंने विकास को नई गति दी है. जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों का मानना है कि साहिबगंज अब सिर्फ एक सीमाई जिला नहीं, बल्कि झारखंड का उभरता हुआ मॉडल डिस्ट्रिक्ट बन चुका है. फॉसिल्स पार्क पर्यटन ही नहीं, शिक्षा के लिए भी वरदान साबित हुआ है. उधवा पक्षी अभ्यारण झारखंड की पहली रामसर साइट बनकर अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल कर चुका है. अमृत भारत योजना ने साहिबगंज रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदल दी है. नई राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली की राह आसान हुई है. समदाघाट टर्मिनल व्यापार और नदी परिवहन का नया द्वार बना है. गंगा पुल आज़ादी के बाद से लंबित सपना था, जो अब पूरा होने की ओर है. इसके खुलने से पूर्वोत्तर का मार्ग भी आसान होगा. शिक्षा में बदलाव से नई पीढ़ी तैयार हो रही है. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और नए अवसर सामने आए हैं. उद्योग और पोर्ट आर्थिक विकास का नया इंजन बन चुके हैं. पर्यटन यहां प्रकृति, इतिहास और संस्कृति का मजबूत संगम प्रस्तुत करता है. निष्कर्ष यही है कि साहिबगंज अब झारखंड का उभरता मॉडल जिला बन चुका है. गंगा पुल का पूर्ण होना, पोर्ट का विस्तार, रामसर साइट, फॉसिल्स पार्क, समदाघाट टर्मिनल, अमृत भारत स्टेशन, नई राजधानी एक्सप्रेस, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार इन सभी ने मिलकर साहिबगंज को विकास की उस पटरी पर ला दिया है जिसका सपना वर्षों से देखा जा रहा था.
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