17.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

10 वर्ष बाद लौट आया दुर्लभ पक्षी पलास गल

, 2015 में पहली बार देखी गयी

उधवा साहिबगंज जिले के उधवा में स्थित रामसर साइट सह पक्षी आश्रयणी में वर्षों बाद यहां दुर्लभ प्रवासी पक्षी पलास गल को देखा गया है. उल्लेखनीय है कि इस प्रजाति को उधवा में वर्ष 2015 में देखा गया था. लगभग एक दशक बाद इसकी वापसी उधवा झील की जैव-विविधता के लिए अत्यंत सकारात्मक संकेत है. यह प्रजाति दक्षिणी रूस से मंगोलिया तक दलदलों और द्वीपों में कॉलोनियों में प्रजनन करती है. यह प्रवासी पक्षी है, जो सर्दियों में पूर्वी भूमध्य सागर, अरब और भारत में निवास करता है. यह गल जमीन पर घोंसला बनाता है और दो से चार अंडे देता है. गौरतलब है कि सभी प्रवासी पक्षी वन्यजीव अधिनियम के तहत संरक्षित हैं एवं इन्हें या इनके आवास क्षेत्र को किसी भी प्रकार की क्षति, अधिनियम के तहत संज्ञेय ग़ैर जमानतीय अपराध है, जिसमें 7 वर्ष तक की सज़ा का प्रावधान है. पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार, पलास गल का दिखना बताता है कि झील का पर्यावास प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित, अनुकूल और आकर्षक है. हर साल हज़ारों की तादाद में विदेशी पक्षी यहां शीतकालीन प्रवास पर आते हैं, जिससे यह क्षेत्र पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण बर्ड हॉटस्पॉट्स में भी शामिल है. वन विभाग द्वारा की जा रही निरंतर मॉनिटरिंग और संरक्षण प्रयासों से इस उपलब्धि को जोड़कर देखा जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel