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झारखंड की अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगा साहेबगंज गंगा पुल व मल्टी मोडल हब

झारखंड में धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो की पहचान औद्योगिक शहर के रूप में रही है लेकिन राज्य अलग होने के बावजूद संताल परगना प्रमंडल औद्योगिक गतिविधियों से वंचित रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह अप्रैल को गंगापुल और बंदरगाह निर्माण की आधारशिला रखने साहेबगंज पहुंचेंगे. साहेबगंज में पुल व मल्टीमोडल हब के निर्माण से आस-पास के […]

झारखंड में धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो की पहचान औद्योगिक शहर के रूप में रही है लेकिन राज्य अलग होने के बावजूद संताल परगना प्रमंडल औद्योगिक गतिविधियों से वंचित रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह अप्रैल को गंगापुल और बंदरगाह निर्माण की आधारशिला रखने साहेबगंज पहुंचेंगे. साहेबगंज में पुल व मल्टीमोडल हब के निर्माण से आस-पास के इलाके में विकास की उम्मीद जगी है.

साहेबगंज में इस पुल के निर्माण से आस-पास के जिलों सहित राज्य में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि इस पुल के जरिये झारखंड समेत पूरे मध्य भारत का सीधा संपर्क पूर्वोत्तर राज्यों से लेकर म्यांमार तक हो जायेगा. इस पुल से झारखंड बांग्लादेश व पूर्वोतर भारत से जुड़ जायेगा. भविष्य में इस पुल के माध्यम से म्यमांर व दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से भी व्यापार विकसित किया जा सकता है. पुल के साथ मल्टी मोडल हब के निर्माण की योजना है.
रेल व सड़क ट्रांसपोर्टेशन के मुकाबले जलमार्ग के कई फायदे हैं. जलमार्ग के रखरखाव का खर्च दूसरे परिवहन माध्यमों से कम पड़ता है. वहीं वाटर-वे ट्रांसपोर्टेशन सबसे सस्ता परिवहन माध्यम माना जाता है. लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होने की वजह से निर्मित माल को कम कीमत पर बाजार में बेचा जा सकता है. यही नहीं विदेश व्यापार में बढ़ावा के लिए जलमार्ग का विकसित होना सबसे अहम कारक माना जाता है. झारखंड मोमेंटम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि सरकार का फोकस झारखंड में जलमार्गों के विकास करने पर है. साहेबगंज में गंगापुल के निर्माण पर करीबी दो हजार करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. उन्होंने कहा था कि रेल और सड़क मार्ग की तुलना में जलमार्ग को विकसित करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है.
देश में 111 जलमार्ग हैं, जिनमें से गंगा और स्वर्णरेखा सहित 450 किलोमीटर जलमार्ग झारखंड में है. सरकार इन सभी जलमार्गों को विकसित करेगी. आने वाले समय में देश में परिवहन क्षेत्र में जलमार्ग को हवाई मार्ग की आधारभूत संरचना के अनुरूप विकसित किया जायेगा और झारखंड में साहेबगंज-राजमहल कारोबार का बड़ा हब बनेगा. नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा था कि साहेबगंज पूर्वोत्तर भारत और उत्तर एशिया का गेट-वे बनेगा. इसके लिए बांग्लादेश के साथ भारत सरकार ने समझौता भी किया है. राजमहल-माणिकचल के बीच वाहन वाहक जहाज का परिचालन शुरू हो चुका है.
यहां गंगा में दो और रूट पर यह सेवा जल्द शुरू की जायेगी. गडकरी कह चुके हैं कि साहेबगंज गंगापुल निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण कर ली गयी है. विस्थापितों के पुनर्वास के लिए साहेबगंज जिला प्रशासन को 170 करोड़ रुपये और राज्य सरकार को 120 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. साहेबगंज प्रशासन ने अब तक 41.6 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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