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भोगनाडीह तीर्थ स्थल, सिदो कान्हू का अपमान सहन नहीं
साहेबगंज में लौ वीर वैसी कार्यक्रम बरहरवा/बरहेट : साहेबगंज के बरहेट प्रखंड स्थित सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में रविवार को ऑल इंडिया मांझी परगना, दिसोम मांझी थान व जाहेर थान समिति सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों के 25 हजार लोग लौ वीर वैसी कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाये जाने के […]
साहेबगंज में लौ वीर वैसी कार्यक्रम
बरहरवा/बरहेट : साहेबगंज के बरहेट प्रखंड स्थित सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में रविवार को ऑल इंडिया मांझी परगना, दिसोम मांझी थान व जाहेर थान समिति सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों के 25 हजार लोग लौ वीर वैसी कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाये जाने के बाद भी भोगनाडीह में भीड़ उमड़ पड़ी.
सिदो-कान्हू खेल मैदान में सभा का आयोजन किया गया. संताल परगना के दिसोम नाइकी देवा सनम मुरमू ने आदिवासी रीति रिवाज व मंत्रोच्चारण के साथ सिदो-कान्हू की प्रतिमा का शुद्धिकरण किया. इसके बाद हजारों लोगों ने प्रतिमा का नमन किया. नाइकी ने कहा : सिदो-कान्हू हमारे लिए भगवान हैं. इनका अपमान हमलोग कतई बरदाश्त नहीं करेंगे. भोगनाडीह ही हमारा तीर्थस्थल है. इसे गंदा करनेवालों को समाज से बहिष्कार कर देना चाहिए.
विरोध के बाद प्रशासन ने छोड़ा आयोजनकर्ताओं को : आयोजनकर्ताओं में से प्रशासन ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. हालांकि आदिवासी संगठनों की मांग पर दोपहर 3:30 बजे उन्हें छोड़ दिया गया. हिरासत में लिये गये रामकृष्ण सोरेन, जोसेफ सोरेन, नीलू सोरेन, सरकार हेंब्रम, गबरियल हेंब्रम, सरकार हेंब्रम, दिलीप हेंब्रम सहित अन्य मंच पर पहुंचे और सभा को संबोधित किया.आयोजनकर्ताओं के मंच पर पहुंचने से पूर्व प्रशासन ने जब्त किया गया माइक भी दे दिया.
सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद्र मुरमू ने कहा कि भोगनाडीह के आसपास किसी भी राजनीतिक दल का झंडा नहीं लगेगा. उन्हाेंने कहा : आज हमलोग राजनीतिज्ञों के शिकार हो रहे हैं. हमारे पूर्वजों व धर्मगुरुओं का अपमान आये दिन किया जा रहा है. इस कारण बैठक की गयी है. असम, बंगाल, झारखंड, बिहार, ओड़िशा से हजारों लोग इस बैठक में आये हैं. लेकिन हमलोगाें का कोई सुननेवाला नहीं है. हमलोगों के पांच नेता को जिला प्रशासन ने नजरबंद कर दिया. हमलोग अपनी मांगों को लेकर बैठे, तब इन लोगों को छोड़ा गया है.
पारंपरिक हथियार लेकर पहुंचे थे लोग
धारा 144 को सख्ती से लागू करने को लेकर बरहेट के विभिन्न रास्तों पर बैरिकेडिंग की गयी थी. सुबह छह बजे से आदिवासियों का जमावड़ा भोगनाडीह में शुरू हो गया. बैरियर पर तैनात मजिस्ट्रेट द्वारा पारंपरिक हथियार भाला, लाठी, फरसा, तीर-धनुष, तलवार आदि को ले जाने से रोकने का प्रयास किया गया. पर भीड़ इतनी उग्र थी कि प्रशासन को पीछे हटना पड़ा और लोग बैरियर को तोड़ते हुए पारंपरिक हथियार के साथ भोगनाडीह मैदान पहुंचे. बरहेट शिवगादी चौक पर एसडीओ द्वारा घंटों आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया गया, किंतु वे नहीं माने.
ड्रोन कैमरा से प्रशासन लेते रहे सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से एतियात के तौर पर रांची से ड्रोन कैमरा मंगवा कर भोगनाडीह पार्क, खेल मैदान व इसके आसपास के क्षेत्रों की निगरानी की गयी. जब-जब ड्रोन कैमरा ऊपर जाता, आदिवासी उग्र हो जाते. कई बार तो तीन-धनुष से ड्रोन कैमरा को निशाना भी लगाया गया.
प्रशासन पर लगाये आरोप
आदिवासी समन्वय समिति के गोड्डा जिलाध्यक्ष सुभाष हेंब्रम, गिरिडीह के सामाजिक कार्यकर्ता जॉन मुरमू, लाउस हांसदा, जेम्स मरांडी सहित अन्य ने कहा कि लौ वीर वैसी कार्यक्रम आदिवासियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के समान है. हमलोग लौ वीर वैसी कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से आयोजन कर रहे थे. लेकिन प्रशासन ने विफल करने का प्रयास किया. हमारेसमाज की संविधान की धारा 19 का उल्लंघन प्रशासन ने किया है, जो अनुचित है. हमारे नेताओं को बुलाया और नजरबंद कर लिया.
सात राज्यों से आये थे लोग
भोगनाडीह लौ वीर वैसी कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के हावड़ा, बाकुड़ा, मालदा, फरक्का, सिलीगुड़ी, वीरभूम, असम के गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, कोकराझार, बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, भागलपुर, बांका, गया, जमुई, झाझा, झारखंड के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा, रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो सहित ओड़िशा, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भी लोग पहुंचे थे.
ये लोग हुए शामिल
कार्यक्रम को दिसोम परगना जाकात मांझी परगना महासभा के नित्यानंद हेंब्रम, दिसोम परानिक के रामचंद्र मुरमू, साहेब टुडू, समिति के अध्यक्ष जोसेफ सोरेन, पूर्व जिप अध्यक्ष रामकृष्ण सोरेन सहित कई सदस्यों ने संबोधित किया. मंच संचालन जोन जंतु सोरेन व लाउस हांसदा ने किया. कार्यक्रम में सुनील सोरेन, इग्नासियुस, बेंजामिन, निलू सोरेन के अलावा आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुरमू, साहेबगंज से रामकृष्ण सोरेन, जामताड़ा से लश्कर सोरेन, दुमका से लाउस हांसदा, कुमार चंद मरांडी, सुभाष हेंब्रम, सुनील सोरेन, सरदार हेंब्रम, संजीत बेसरा (असम), तहसीलदार हांसदा (ओड़िशा), दुर्लभ किस्कू (पश्चिम बंगाल), जंतु सोरेन व सरकार हेंब्रम, रविंद्रनाथ टुडू (पाकुड़), स्टीफन किस्कू (पाकुड़), हरेला टुडू, लाउस मरांडी, बासुराम सोरेन, उपेन मरांडी, सुनील कुमार हांसदा, बालेश्वर हेंब्रम, जेम्स मरांडी, मंडल मुरमू, रूपचंद मुरमू, भादो मुरमू सहित अन्य लोग शामिल हुए.
लौ वीर वैसी में पारित प्रस्ताव
1. भोगनाडीह के आसपास नहीं लगेगा राजनीतिक दल का झंडा
2. सिदो कान्हू के वंशजों के साथ अभद्र व्यवहार करनेवालों को फांसी की सजा दी जाये, उस पर देशद्रोह का मुकदमा चले
3. गैर आदिवासी, आदिवासी महिला संग विवाह कर लाभ लेना चाहते हैं तो उसका बहिष्कार होगा
4. दूसरी जात से शादी कर चुनाव लड़नेवाले को वोट नहीं देंगे
5. आनेवाले चुनाव के पहले एक बार हूल वैसी की फिर बैठक होगी, उसमें किसी दल को वोट देने का निर्णय एक मुश्त लिया जायेगा
6. पंचायती राज व्यवस्था खत्म हो
7. एसपीटी व सीएनटी एक्ट के संशोधन का अध्यादेश राष्ट्रपति के यहां से समाप्त किया जाये स्थानीय नीति को रद्द किया जाये
8. आदिवासी मांझी परगना के तहत स्वायत परिषद का गठन हो
क्यों हुआ कार्यक्रम
15 सितंबर को भोगनाडीह पार्क में सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर कुछ लोगों ने पान का पिक फेंक दिया था. विरोध करने पर शहीद के वंशजों से मारपीट की गयी थी. घटना में वंशज बड़की टुडू, सुभी टुडू, सोनामुनि सोरेन, कफरा किस्कू, बहा टुडू, मानि सोरेन, माताबीटिया हेंब्रम, बिटिया मुरमू व माथी किस्कू घायल हो गये थे. घटना को लेकर बरहेट थाने में महबुल अंसारी, उसके छोटे भाई व सात से आठ अन्य अज्ञात के विरुद्ध एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. महबुल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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