बरहरवा : इस समय पूरे विश्व की नजर आतंकवाद पर है. झारखंड व पश्चिम बंगाल में भी आतंकियों की दस्तक हो चुकी है. एनआइए ने खुलासा भी किया है कि आतंकी इन इलाकों में जाली नोट का धंधा फैला रहे हैं. कई संदिग्ध जाली नोट के साथ पकड़े भी गये हैं. आतंकी संगठन झारखंड के […]
बरहरवा : इस समय पूरे विश्व की नजर आतंकवाद पर है. झारखंड व पश्चिम बंगाल में भी आतंकियों की दस्तक हो चुकी है. एनआइए ने खुलासा भी किया है कि आतंकी इन इलाकों में जाली नोट का धंधा फैला रहे हैं. कई संदिग्ध जाली नोट के साथ पकड़े भी गये हैं. आतंकी संगठन झारखंड के साहिबगंज व पाकुड़ इलाके के युवाओं को अपने गिरोह में शामिल भी कर रही है.
पाकिस्तान व बांग्लादेश में बैठे आतंकी संगठन के सरगना कैसे यहां के युवाओं के संपर्क में आये इसका पता आज तक ना तो एनआइए लगा पायी है ना ही स्थानीय पुलिस. लेकिन इस इलाके में जाली नोट, सोना चोरी व अन्य सामानों के तस्करी का धंधा इस कदर चल रहा है जिसे रोकना पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है.
किसने भेजा अमानत में जाली नोट
बरहरवा में भी जो जाली नोट बरामद हुआ है उसके पीछे के रैकेट को पकड़ने के लिये पुलिस को मशक्कत करनी होगी कि आखिर राधानगर थाना क्षेत्र के अमानत में इतनी बड़ी संख्या में जाली नोट आखिर कहां से और किसके द्वारा पहुंचा. मालदा, कलियाचक, मुर्शीदाबाद, धुलियान, फरक्का आदि ये सभी पश्चिम बंगाल के वो क्षेत्र हैं जहां पर आये दिन जाली नोट के साथ तस्कर पकड़े जाते हैं.
पकड़े गये अधिकतर तस्कर राधानगर थाना क्षेत्र के पियारपुर, अमानत, जोंका, प्राणपुर आदि गांव के होते हैं. साहेबगंज पुलिस पश्चिम बंगाल की पुलिस के मदद से अगर एक अभियान चलाती है तो इस रैकेट के पीछे एक बहुत बड़ा गिरोह का खुलासा हो सकता है. लेकिन पुलिस जाली नोट बरामद करने के कुछ दिन बाद सुस्त पड़ जाती है.