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श्रमदान से बनी दो हजार फीट सड़क
सप्ताह में एक दिन प्रत्येक घर से एक लोग करते हैं श्रमदान बोरियो : सूबे की सरकार गांव को विकसित करने को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. बावजूद राज्य के बोरियो प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां जीवन-यापन कर रहे लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव में पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, […]
सप्ताह में एक दिन प्रत्येक घर से एक लोग करते हैं श्रमदान
बोरियो : सूबे की सरकार गांव को विकसित करने को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. बावजूद राज्य के बोरियो प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां जीवन-यापन कर रहे लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव में पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, बिजली सहित कई ऐसी समस्याएं है. सरकार हर गांव में विकास की योजना को पहुंचाने के लिये तरह-तरह के वादे करते हैं.
बावजूद धरातल पर वास्तविकता नजर नहीं आती. ऐसा ही कुछ हाल प्रखंड मुख्यालय से लगभग 22 किमी दूर बांझी संथाली पंचायत अंतर्गत चपटी गांव के मांझी टोला के ग्रामीण का है. लोग झरने का पानी पीने को विवश हैं, लेकिन ग्रामीणों ने संकल्प और विश्वास का परिचय देते हुए खुद से श्रमदान कर बड़े-बड़े चट्टानों को तोड़ कर व अवरूद्ध मार्ग का समतलीकरण कर महज 6 से 7 सप्ताह में दो हजार फीट लंबी सड़क बना डाली.
इस वर्ष 15 अगस्त के पूर्व गांव में ग्रामसभा की गई. जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रत्येक सप्ताह के पहले दिन सोमवार को गांव के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति श्रमदान कर सड़क का निर्माण करेंगे. श्रमदान करने के कार्य में तापाल हांसदा, मांझी मुर्मू, सीताराम टुडू, दानियल हांसदा, बाघराय मुर्मू, ठाकुर हांसदा, आलुइस हांसदा सहित कुल 30 लोग शामिल थे. इधर तेलो पंचायत अंतर्गत खुटा पहाड़ व पचार गांव के ग्रामीण अभी भी पेयजल सड़क, स्वास्थ्य, उपकेन्द्र, बिजली सहित अन्य सारी सुविधाओं से वंचित हैं.
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