बरहरवा. जिले में मनरेगा का हाल बेहाल है. जिले के 9 प्रखंडों में मटेरियल मद में करीब 1559.17 लाख रुपये बकाया हो गया है. इससे मनरेगा का काम कराने वाले वेंडरों (आपूर्तिकर्ता) को भी परेशानी हो रही है. ईद व रामनवमी भी नजदीक है. इसके साथ साथ मनरेगा के मजदूरी मद में अकुशल श्रेणी के मजदूरों का करीब 59.65 लाख रुपये व अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के मजदूरी मद में करीब 183.34 लाख रुपये बकाया है. इससे मनरेगा का काम करने वाले मजदूर भी दूसरे काम की तलाश में हैं. वहीं योजना के क्रियान्वयन करने वाले वेंडर भी मटेरियल की आपूर्ति करने में हिचकिचा रहे हैं. मनरेगा के वेंडर बताते हैं कि योजना का काम करवाने में उनकी मूल पूंजी फंसी हुई है, पूंजी के साथ-साथ मुनाफा भी नहीं मिल रहा है. वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 24 मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार, अब तक नौ प्रखंडों में मटेरियल मद में सबसे अधिक का बकाया बरहरवा प्रखंड का 782.08 लाख रुपये तो सबसे कम तालझारी प्रखंड का 34.37 लाख रुपये बकाया हो गया है. मनरेगा योजना से प्रखंडों में चल रहे विभिन्न कार्य जिले के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा के तहत सूखा निरोधन, बाढ़ नियंत्रण एवं सरंक्षण, लैंड डेवलपमेंट, सूक्ष्म सिंचाई कार्य, पारंपरिक जल निकायों के नवीनीकरण, ग्रामीण कंटेक्टिविटी, ग्रामीण स्वच्छता, जल संरक्षण एवं जल संचयन सहित कई योजनाएं चल रही है. कई योजनाओं का कार्य पूरा भी हो चुका है. मनरेगा में करीब डेढ़ लाख एक्टिव वर्कर्स हैं जिले के सभी प्रखंडों में मनरेगा की योजनाएं चल रही हैं इनमें मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार भी उपलब्ध कराया जाना है. जिले में अभी 134768 एक्टिव जॉब कार्ड्स हैं. जिसमें कुल 149008 कुल वर्कर्स हैं. कहते हैं पदाधिकारी जिले के उपविकास आयुक्त सतीश चंद्र ने बताया कि मनरेगा योजना में मटेरियल व मजदूरी का भुगतान राज्यस्तर पर होता है. लंबित भुगतान के संबंध में कुछ कहा नहीं जा सकता है.
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