रांची. केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की गुट) के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि वे और उनसे जुड़े कई संगठन शनिवार को आहूत रांची बंद का समर्थन नहीं करेंगे. अजय तिर्की ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रैंप हटाने की मांग को लेकर आंदोलन करनेवाले अगुआ को पहले मुआवजा का पैसा चाहिए था. अजय तिर्की ने कहा कि सिरमटोली में रहनेवाले अरविंद हंस ने भू अर्जन विभाग द्वारा जारी मुआवजा संबंधी नोटिस को रिसीव किया था. उन्होंने मुआवजा के 35 लाख रुपये लेने की कोशिश भी की थी. जब तक मुआवजा संबंधी बात चल रही थी, तब तक कोई आंदोलन नहीं हुआ. फ्लाइओवर निर्माण भी दो साल से चल रहा था. पहले कोई आंदोलन नहीं हुआ. जब यह स्पष्ट हो गया कि गैरमजरुआ आम जमीन होने के कारण मुआवजा नहीं मिलेगा, तो उसके बाद रैंप का बहाना कर आंदोलन शुरू कर दिया गया.
सरना स्थल पर बने भवन का भी विरोध किया था
अजय तिर्की ने कहा कि अरविंद हंस ने सरना स्थल पर बने भवन का भी विरोध किया था. रैंप के विरोध में आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले लोगों के बीच मुआवजा राशि की बंदरबांट होनी था. ये लोग समाज के लोगों को बरगला रहे हैं. अजय तिर्की ने कहा कि सिरमटोली फ्लाइओवर रैंप के मामले में मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन मिला है किस इस मामले का समाधान होगा. लोगों को धैर्य रखना चाहिए, न कि किसी के बहकावे में आकर विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हेसल सरना समिति, बड़ा घाघरा सरना समिति, मनी टोला सरना समिति, पोखर टोली सरना समिति, हरमू सरना समिति, कडरू पुल टोली सरना समिति, नयाटोली बरियातू सरना समिति, केंद्रीय सरना समिति भारत सहित उनसे जुड़े संगठन बंद से खुद को अलग रखेंगे.
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