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ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से निबटने की क्या तैयारी है, हाइकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

हाइकोर्ट ने लाखों प्रवासी मजदूरों के झारखंड लौटने के बाद उत्पन्न परिस्थिति को लेकर राज्य सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच व इलाज की व्यवस्था की जानकारी मांगी

रांची : हाइकोर्ट ने लाखों प्रवासी मजदूरों के झारखंड लौटने के बाद उत्पन्न परिस्थिति को लेकर राज्य सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच व इलाज की व्यवस्था की जानकारी मांगी. कोर्ट ने कहा कि अधिकांश मजदूर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं आैर लाैटने पर अपने गांव जा रहे हैं. हाइकोर्ट ने जांच और इलाज के लिए ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में की गयी तैयारियों की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है. शुक्रवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते संक्रमण को रोकने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई.

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से पूछा कि लाखों की संख्या में प्रवासी दूसरे राज्यों से लाैट रहे हैं अपने गांव जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में इतने लोगों की कोविड-19 की जांच कैसे हो रही है? ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए राज्य सरकार ने क्या व्यवस्था की है? बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार भविष्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए क्या तैयारी कर रही है? कोरोना जांच के लिए पूल सैंपल लेने की दिशा में अब तक क्या कार्रवाई की गयी? मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तीन जुलाई की तिथि निर्धारित की.

24 जिलों में 30 ट्रूनेट मशीन लगायी गयी : इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अशोक नगर स्थित अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि राज्य के 24 जिलों में 30 ट्रूनेट मशीन लगायी गयी है. इससे संक्रमण की जांच में तेजी आयी है. सभी जिलों में सदर अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है. राज्य में 85000 सैंपल लिये गये, जिसमें से 75000 की रिपोर्ट आ गयी है. 793 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. 321 मरीज ठीक हो चुके हैं. लिये गये सैंपल में से दो प्रतिशत से कम लोग पॉजिटिव पाये गये हैं. यह दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है. महाधिवक्ता ने बताया कि हिंदपीढ़ी में चरणबद्ध तरीके से कंटेनमेंट जोन को हटाये गये हैं.

कलस्टरवार लेना है सैंपल : इधर, केंद्र सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने कडरू स्थित आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए नयी गाइडलाइन जारी की है. उन्होंने बताया कि भविष्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की गति को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में अस्पतालों को अपडेट कर वहां मेडिकल फैसिलिटी बढ़ानी है, ताकि संक्रमण का इलाज कलस्टर स्तर पर ही हो सके. ज्ञात हो कि रिम्स में कोरोना के इलाज में शामिल मेडिकलकर्मियों की पीपीइ की कमी को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने गंभीरता से लिया था. उन्होंने अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा द्वारा लिखी चिट्ठी को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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