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Weather Forecast: झारखंड में बर्बादी के निशान छोड़ गया तूफान मिचौंग, अब इस दिन से पड़ेगी जबरदस्त ठंड

झारखंड में तूफान मिचौंग कमजोर पड़ गया है, लेकिन दो दिनों में इसके कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. सबसे ज्यादा नुकासान किसानों को हुआ. जाते-जाते तूफान मिचौंग किसानों के लिए बर्बादी के निशान छोड़ गया. इधर तूफान से आई बारिश को बाद राज्य का पारा भी गिर गया है. दो दिनों बाद राज्य में ठंड बढ़ेगी.

Jharkhand Weather Forecast: दो दिनों के बाद शुक्रवार से राजधानी के लोगों को बारिश से थोड़ी राहत मिली है. हालांकि, सुबह में घना कोहरा छाये रहने से लोगों को थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन 7 बजे के बाद हल्की धूप ने लोगों का राहत दी. मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक आज भी आकाश में बादल छाये रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा. मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर अब झारखंड में धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. पिछले दो दिनों से राजधानी सहित झारखंड के कई इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. रांची में गुरुवार को लगभग 23 मिमी बारिश हुई. वहीं, झारखंड में सबसे अधिक सरायकेला-खरसांवा के खरसेम में 75.4 मिमी बारिश हुई. वहीं, जमशेदपुर में 60.8 मिमी और चाईबासा में 52.4 मिमी से अधिक बारिश हुई है. संताल परगना के इलाके में बारिश नहीं के बराबर हुई है. गोड्डा में 2.8 मिमी बारिश हुई.

10 दिसंबर से पड़ेगी जबरदस्त ठंड

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, बारिश के दौरान रांची सबसे अधिक ठंडी रही. यहां का न्यूनतम तापमान गुरुवार को 15.7 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया. जबकि, बुधवार को न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस था. यानी 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आयी है. अगले दो से तीन दिनों के अंदर खास कर 10 दिसंबर से बादल के पूरी तरह छंटने के बाद ठंडी हवा चलेगी. इससे रांची के न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना है. जिसके बाद लोगों को जबरदस्त ठंड का एहसास होगा.

झारखंड में मिचौंग का असर

  • लगातार हो रही बारिश से अस्त-व्यस्त रहा जनजीवन, घरों में कैद रहे लोग

चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर से दो दिनों तक लगातार हुई बारिश से राजधानी के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. गुरुवार को भी दिन भर बूंदाबांदी होती रही और आसमान में बादल छाये रहे. इससे लोग दिन भर घरों में कैद रहे. बारिश और ठंडी हवा के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गयी.

  • शहर की अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा

इधर, बारिश के कारण सड़कों पर दोपहिया वाहनों की संख्या काफी कम रही. शहर की अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. कोहरा के कारण चारपहिया और तीनपहिया वाहनाें को लाइट जलाकर चलना पड़ा. इधर, स्कूल व कॉलेजों में बच्चों की उपस्थिति आम दिनों की तुलना में कम रही. किसी तरह बच्चे स्कूल पहुंचे. वहीं, फ्लाइओवर का काम चलने के कारण वहां से गुजरने में वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई. कई दोपहिया वाहन सवार फिसल कर गिर गये.

  • सड़क पर जमा हुआ बारिश का पानी

बारिश और धुंध के कारण रातू रोड में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही. इस कारण वाहन सरक रहे थे. वहीं, पिस्का मोड़ के पास सड़क पर जलजमाव होने से वाहनों को काफी परेशानी हुई. सबसे ज्यादा परेशानी बाइक चालकों को हुई.

  • नहीं लगीं सब्जी दुकानें

बारिश के कारण सब्जी बाजार पूरी तरह नहीं सजा. लालपुर, कोकर, दीपाटोली, नागाबाबा खटाल व मधुकम में लगने वाले बाजार में बहुत कम सब्जी विक्रेता पहुंचे. खरीदारों की भीड़ भी कम रही.

  • दिन भर जाम रहा ओवरब्रिज

मेन रोड ओवरब्रिज (एक साइड) में गुरुवार को दिन भर जाम लगा रहा. इससे लोग परेशान रहे. मालूम हो कि यहां फ्लाइओवर निर्माण होने के कारण सड़क काफी संकीर्ण हो गयी है. वहीं, वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है. इस कारण यहां हमेशा जाम लगता रहता है. वहीं, ओवरब्रिज के दोनों छोर पर सड़क के टूटे होने के कारण उसमें जलजमाव हो गया है. इस कारण भी जाम लग रहा था.

  • बहू बाजार से कांटाटोली के बीच रोड में जमा हुआ पानी

बहू बाजार से कांटाटोली के बीच पेट्रोल पंप के समीप सड़क पर पानी जमा होने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई. यहां कांटाटोली से लेकर सिरमटोली चौक तक सर्विस लेन की स्थिति काफी खराब है. इस मार्ग में अनगिनत गड्ढे हो गये हैं.

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किसानों के लिए आफत बनी मिचौंग

  • खेतों में काट कर रखे गये धान बर्बाद

बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित किसान हुए हैं. खेतों में काट कर रखे गये धान लगातार बारिश होने से खराब हो गये. पानी जमने के कारण कई खेतों में धान डूब गये. धान की बर्बादी देख किसान चिंतित हैं.

  • धान को ढंकने के लिए पर्याप्त जगह नहीं, किसान परेशान

लगातार हो रही बारिश से ओरमांझी के किसानों में भी मायूसी है. वहीं जनजीवन पर भी असर पड़ा है. प्रखंड के किसान तैयार धान की कटाई में लग चुके थे, लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दी. कटी हुई धान अभी भी खेतों में भीग रहे हैं. किसान राजेश्वर महतो के अनुसार खेतों व खलिहानों में धान के भीग जाने से वे मायूस हैं. धान के खराब हो जाने से उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा. वहीं अन्य किसानों ने कहा कि धान को ढंकने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

  • धूप खिलने से क्षेत्र के किसानों को मिलेगी राहत

सिल्ली और मुरी समेत आसपास के इलाके में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन पर असर पड़ा है. अचानक ठंड बढ़ने से लोग शाम होते ही घरों में दुबकने को विवश हैं. वहीं धन कटनी पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है. किसानों के अनुसार तैयार धान के बर्बाद होने के आसार बढ़ गये हैं. किसानों को ऐसे में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. किसानों के अनुसार खेतों में कुछ धान की कटाई हो चुकी है, जबकि कुछ अभी भी खेतों में पड़े हैं. बारिश से धान गीला हो जाने से उनके मेहनत पर पानी फिर सकता है. किसान सलखुन महतो के अनुसार बचाव के बाद भी 50 प्रतिशत तैयार धान भीग चुके हैं. खलिहान में धान को रखने का काम जारी है, लेकिन बारिश के कारण उसकी पिटाई नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, अब हल्की धूप खिली है, इससे किसानों को थोड़ी राहत मिल सकती है. बीच-बीच में बादल भी छा रहे हैं, अच्छी धूप खिलेगी तभी उनकी भरपाई हो सकती है.

  • लापुंग के किसानों को पूंजी डूबने की सता रही चिंता

लापुंग प्रखंड में मिचौंग चक्रवात का व्यापक असर पड़ा है. यहां धान की तैयार खेती बर्बादी के कगार पर है. खेत व खलिहान में धान के भीगने से किसान मायूस हो गये हैं. कई किसानों ने अपने स्तर पर धान को तिरपाल से बचाने का प्रयास किया है, लेकिन यह नाकाफी है. कई किसानों ने कहा कि धान में अंकूर निकलने लगे हैं. फतेहपुर के किसान भुनेश्वर साहू समेत बुधवा मुंडा व टिंकू साहू ने कहा कि उन्होंने 30 से 70 हजार तक की पूंजी लगाकर धान की खेती की. लेकिन, चक्रवात के कारण फसलों को नुकसान हुआ है. मालगो, हुलसू, फतेहपुर, ककरिया, महुगांव, दोलैचा व लालगंज के अलावा दर्जनों गांवों में बारिश से खेती पर असर पड़ा है.

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कई विमान विलंब से आये और गये

चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर तीसरे दिन गुरुवार भी विमान सेवा बाधित रही. खराब मौसम के कारण कई विमान विलंब से आये और गये. इससे यात्री परेशान रहे. दिल्ली-रांची इंडिगो विमान दिन के 2.15 की जगह 3.55 बजे आया. यह विमान दिल्ली से 12.30 की जगह 2.32 बजे उड़ा. वहीं, देवघर-रांची इंडिगो विमान रद्द रहा. मुंबई-रांची इंडिगो विमान दिन के 3.25 की जगह 4.17 बजे आया. यह विमान मुंबई से दिन के 1.25 के बजाय 2.36 बजे उड़ा. दिल्ली-रांची इंडिगो विमान शाम 4.05 की जगह 4.32 बजे आया. बेंगलुरु-रांची एयर इंडिया का विमान शाम 4.50 की जगह 5.23 बजे आया. रांची-दिल्ली एयर इंडिया का विमान दिन के 10.25 की जगह 11.17 में उड़ा. रांची-दिल्ली इंडिगो विमान दिन के 2.15 की जगह 4.55 बजे उड़ा. रांची-मुंबई इंडिगो विमान दिन के 3.55 की जगह 5.33, रांची-दिल्ली इंडिगो विमान शाम 4.40 की जगह 5.39, रांची-कोलकाता इंडिगो विमान शाम 5.20 की जगह 5.56, रांची-दिल्ली एयर इंडिया का विमान शाम 5.35 की जगह 6.03, रांची-बेंगलुरु एयर इंडिया का विमान शाम 5.45 की जगह 6.19, रांची-बेंगलुरु इंडिगो विमान सुबह 8.30 की जगह 9.05 व रांची-कोलकाता इंडिगो विमान सुबह 8.40 की जगह 9.10 बजे उड़ा. वहीं, बेंगलुरु-रांची इंडिगो विमान रात 8:15 की जगह रात 9:35 बजे रांची आया. वहीं, रांची-कोलकाता इंडिगो विमान रात 8:50 की जगह 9:40 बजे रवाना हुआ. रांची-पुणे इंडिगो विमान रात नौ बजे के बजाय रात 10:16 बजे उड़ा. वहीं, शुक्रवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 22 विमानों के परिचालन का शेड्यूल है.

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