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झारखंड में दो दिन होगी भारी से बहुत भारी बारिश, जानें, कैसे करें फसल व मवेशी की सुरक्षा

Jharkhand Weather News: कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि समय पर बोयी गयी धान की फसल, जो पुष्पावस्था में है, अत्यधिक जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण उसके पौधे गिर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि खेत में जरूरत से ज्यादा जल जमाव न होने दिये जाये.

Jharkhand Weather News: सुखाड़ की स्थिति से जूझ रहे झारखंड के किसानों के लिए बुरी खबर है. अगले दो दिनों तक यानी 19 और 20 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy To Very Heavy Rain) हो सकती है. इसकी वजह से उनकी फसलों को नुकसान हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय किये जायें. रांची स्थित मौसम केंद्र ने शुक्रवार को झारखंड राज्य में कृषि क्षेत्र पर भारी वर्षा का ‘प्रभाव आधारित पूर्वानुमान’ जारी किया है. इसमें बताया गया है कि फसलों व मवेशियों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय करना चाहिए.

धान की फसल को बचाने के लिए करें ये उपाय

कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि समय पर बोयी गयी धान की फसल, जो पुष्पावस्था में है, अत्यधिक जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण उसके पौधे गिर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि खेत में जरूरत से ज्यादा जल जमाव न होने दिये जाये. खेत से जल की सुरक्षित निकासी के लिए मेढ़ के चारों ओर नालियां बना दें, ताकि खेत में जलजमाव न हो और धान के पौधों को नुकसान न पहुंचे.

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मकई की फसल को कैसे रखें सुरक्षित

मकई की फसल के लिए कहा गया है कि जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण उन पौधों के गिरने की संभावना रहती है, जिनकी बुआई पहले हुई थी. वहीं, देर से बोयी गयी फसल के पौधों के गलने की संभावना रहती है. इसलिए खेत से पानी की सुरक्षित निकासी के उपाय करें. खेत में नालियां बना दें.

मूंगफली की फसल को बचाने के लिए विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

मूंगफली की फसल को भी जल जमाव या तेज बहाव से बचाने की विशेषज्ञों ने सलाह दी है. कहा है कि जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण समय पर बोये गये पौधों के गिरने की आशंका है. वहीं, देर से बोयी गयी फसल के पौधे जलजमाव की वजह से गल सकते हैं. इसलिए खेत में इस तरह से नाली का निर्माण कर दें, ताकि पानी न जमे.

मड़ुआ और सोयाबीन की फसल को कैसे बचायें

मड़ुआ के खेतों में भी पानी जमने से फसल को नुकसान हो सकता है. अगर आपने समय पर बुआई कर दी थी, तो पानी के तेज बहाव में उसके बहने की आशंका रहती है. वहीं, सोयाबीन के पौधे भी तेज बहाव में गिर सकते हैं. खेत से पानी की सुरक्षित निकासी के उपाय करें.

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सब्जी की खेती करने वाले किसान रहें सावधान

सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी बेहद सावधान रहने की जरूरत है. फसल की सुरक्षा के उपाय भी उन्हें पहले ही कर लेना चाहिए. विशेषज्ञों ने कहा है कि सुरक्षित जल निकासी के लिए खेतों में नालियां बना दें.

मवेशियों की सुरक्षा पर भी दें ध्यान

मवेशियों की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया गया है. कहा गया है कि वर्षा में बहुत ज्यादा भींग जाने से पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. इसलिए पशुओं को बाहर न निकलने दें. इनके आवास में वर्षा का पानी प्रवेश न कर सके, इस पर भी नजर रखने की जरूरत है.

19-20 अगस्त को झारखंड में होगी भारी बारिश

उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने 19 और 20 अगस्त के लिए जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसमें कहा है कि देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज के साथ-साथ पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा तथा सरायकेला-खरसावां जिला में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है. सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम में कुछ जगहों पर अति भारी वर्षा होने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है.

गुमला, सिमडेगा में बहुत भारी बारिश का अलर्ट

वहीं, 20 अगस्त के लिए जो चेतावनी जारी की गयी है, उसमें कहा गया है कि गुमला और सिमडेगा जिला में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है. लातेहार, लोहरदगा, रांची और खूंटी में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है. झारखंड के उत्तरी भागों में 45 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. पलामू, चतरा, कोडरमा, गढ़वा, लातेहार और लोहरदगा में कहीं-कहीं तेज हवा चल सकती है.

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