21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची में ट्राइबल्स का समागम शुरू, नारायण टेकाम बोले आदिवासियों का विकास तभी होगा, जब वे व्यवसाय से जुड़ेंगे

होटवार स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में चार दिवसीय आठवां राष्ट्रीय आदिवासी उद्यमिता दक्षता विकास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. यूटीजीए के राष्ट्रीय संरक्षक नारायण टेकाम ने कहा कि आदिवासियों को सशक्त बनाना है, तो आदिवासियों को व्यवसाय से जोड़ना होगा.

यूनाइटेड ट्राइबल गोंडवाना एसोसिएशन (यूटीजीए) के तत्वावधान में चार दिवसीय आठवां राष्ट्रीय आदिवासी उद्यमिता दक्षता विकास प्रशिक्षण शिविर होटवार स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हो गया. सबसे पहले पारंपरिक पूजा अखिल भारतीय सरना प्रार्थना सभा के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रवीण उरांव एवं स्थानीय पाहनों ने की. शिविर में अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों ने आदिवासी उद्यमियों को विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार के अवसर के बारे में जानकारी दी. यूटीजीए के राष्ट्रीय संरक्षक नारायण टेकाम ने कहा कि आदिवासियों को सशक्त बनाना है, तो आदिवासियों को व्यवसाय से जोड़ना होगा. उनका वास्तव में विकास तभी होगा, जब वे व्यवसाय से जुड़ेंगे.

देश के आदिवासी व्यवसाय से कैसे जुड़ें, उसके लिए मार्ग तैयार करने का काम यूटीजीए कर रही है. यह संस्था आदिवासियों की संस्तिकृ , भाषा, लिपि, परंपराएं, मान्यताएं, कलाएं एवं उसके विकास के लिए काम कर रही है. इसके पूर्व विभिन्न राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल एवं असम से आये प्रतिभागियों ने अपना परिचय दिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में वे किस तरह का काम कर रहे हैं.

आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए अभियान शुरू हो चुका है

रतन तिर्की यूटीजीए प्रशासन समिति के रतन तिर्की ने कहा कि आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए अभियान शुरू हो चुका है. आदिवासियों में काफी प्रतिभा है. जरूरत है इसे निखारने की. सरकार को भी आदिवासी उद्यमी पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही झारखंड के मूल निवासियों को भी इसमें सहयोग करने की जरूरत है.

ग्रामसभा के माध्यम सेसशक्त बनाने का प्रयास करेंगे

प्रभाकर यूटीजीए के प्रवक्ता प्रभाकर तिर्की ने कहा कि वर्तमान में यूटीजीए जिस तरह से काम कर रही है, इसी तर्ज पर झारखंड में जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जायेगी. झारखंड में विभिन्न व्यवसाय से जुड़े लोगों को ग्राम सभा के माध्यम से सशक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा.

Also Read: 11 फरवरी को साहिबगंज दौरे पर मल्लिकार्जुन खरगे, हाथ-से-हाथ जोड़ो अभियान की करेंगे शुरुआत
उद्यमी प्रतिभागियोंं ने अनुभव शेयर किये

समागम में विभिन्न राज्यों के उद्यमी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव शेयर किये. मध्य प्रदेश से आयी महिलाओं ने कहा कि महुआ को सिर्फ नशा से नहीं जोड़ना चाहिए. आज महुआ से लड्डू, चॉकलेट, च्यवनप्राश सहित अन्य सामान बनाये जा रहे हैं. महुआ स्वास्थ्य कीदृष्टि से भी काफी बेहतर है. इसे संरक्षित करने की जरूरत है. मध्य प्रदेश के कलाकारों ने फॉक सॉन्ग पेश किया. स्वागत भाषण राष्ट्रीय संयोजक सरोज लकड़ा और संचालन विजय कुजूर ने किया. मौके पर कई विशेषज्ञ और आदिवासी उद्यमी उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें