रांची. रिम्स शासी परिषद (जीबी) की 59 वीं बैठक अप्रैल महीने में होगी. इसमें रिम्स की बेहतरी और मरीज हितों को ध्यान में रखकर एजेंडा तय किया जायेगा. प्रबंधन ने इसके लिए सभी विभागों से 25 मार्च तक अपने स्तर से एजेंडा भेजने का निर्देश दिया है. विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि उनके विभाग में क्या सुविधा बढ़ायी जा सकती है, जिससे मरीजों को लाभ हो. कौन-कौन सी नयी सेवाएं शुरू की जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि रिम्स में कुछ नये विभाग खोलने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, जिसमें गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी और इंडोक्राइनोलॉजी आदि शामिल है.
फैकल्टी की नियुक्ति पर होगा फैसला
वहीं, जीबी की बैठक में फैकल्टी की नियुक्ति और उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया पर भी निर्णय लिया जायेगा. इसके अलावा डेंटल कॉलेज में एमडीएस कोर्स शुरू करने की अनुमति भी ली जायेगी. इसके अलवा कुछ निजी एजेंसी को हटाने और नये सिरे से निविदा निकालने पर भी निर्णय लिया जायेगा. रिम्स की आंतरिक बैठक में लिये गये फैसले की सैद्धांतिक सहमति भी ली जायेगी.
पूर्व जीबी के फैसले आठ महीने बाद भी नहीं हुए लागूरिम्स शासी परिषद की 58 वीं बैठक के कई फैसले आठ महीने बाद भी लागू नहीं हो पाये हैं. कहा गया था कि मरीजों के बेड पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादर होने की सुविधा मिलेगी. हालांकि निर्णय के बाद सिर्फ एक या दो वार्ड में कुछ दिनों तक दो या तीन रंग की चादर उपलब्ध करायी गयी. जब सभी वार्ड में इसे लागू करने की बारी आयी, तो मामला खटाई में पड़ गया. इसके अलावा मरीजों को एक से दूसरे विंग तक पहुंचाने के लिए बैटरी वाहन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया, लेकिन यह भी लागू नहीं हो पाया. वहीं, रिम्स का कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि जीबी के फैसले लागू क्यों नहीं पाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है